सार
Panchak in November 2022: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हर महीने में कई ऐसे योग बनते हैं, जिनमें कुछ खास काम करने की मनाही होती है, पंचक भी इनमें से एक है। पंचक 5 नक्षत्रों का एक समूह है जो हर महीने आता है। ये 5 दिन कुछ खास कामों के लिए अशुभ माने जाते हैं।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, नक्षत्रों के योग से कई शुभ-अशुभ योग हर महीने बनते हैं, पंचक भी इनमें से एक है। वैसे तो पंचक को अशुभ माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। पंचक में सिर्फ कुछ खास करने की मनाही है। शादी, सगाई आदि शुभ कार्य पंचक के दौरान किए जा सकते हैं। जिस वार से पंचक शुरू होता है, उसी के अनुसार उसका एक विशेष नाम भी होता है जैसे इस बार पंचक की शुरूआत मंगलवार से हो रही है तो ये अग्नि पंचक कहलाएगा।
कब से कब तक रहेगा पंचक?
इस बार पंचक की शुरूआत 29 नवंबर, मंगलवार की शाम 07.51 से हो रही है, जो 4 दिसंबर, रविवार की शाम 06.16 मिनट तक रहेगा। मंगलवार से पंचक शुरू होने के कारण इसे अग्नि पंचक कहा जाएगा। ऐसी मान्यता है कि अग्नि पंचक के दौरान आगजनी की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हालांकि कुछ खास उपाय करने से पंचक के अशुभ फलों से बचा भी जा सकता है।
पंचक में करें ये उपाय
1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक दौरान ज्वलनशील पदार्थ इकट्ठा करने की मनाही है। अगर ऐसा करना जरूरी हो तो इसके पहले किसी शिव मंदिर में पंचमुखी दीपक लगाएं। ये उपाय करने के बाद ज्वलनशील चीजों का एकत्रीकरण कर सकते हैं।
2. विद्ववानों की मानें तो पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए क्योंकि इस दिशा का स्वामी यमराज है। पंचक के दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा करने से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन ऐसा करना जरूरी हो तो पहले हनुमान जी के मन्दिर में 5 फल का भोग लगाएं और हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद यात्रा पर जा सकते हैं।
3. पंचक के दौरान घर की छत डालने की भी मनाही है। लेकिन अगर ये काम जरूरी हो तो पहले छत डालने वाले मजदूरों को भोजन कराएं और कुछ दक्षिणा भी दें। इस उपाय को करने के बाद मकान की छत डाल सकते हैं।
4. इन 5 दिनों में किसी का अंतिम संस्कार करना पड़े तो शव के साथ आटे या कुश (एक प्रकार की घास) के पांच पुतले बनाकर अर्थी पर रखना चाहिए। इससे भी पंचक दोष खत्म हो जाता है।
5. पंचक के दौरान चारपाई या पलंग न तो खरीदना चाहिए और न ही बनावाना चाहिए। अगर किसी कारणवश ऐसा करना पड़े तो पहले गायत्री हवन करवाएं, इसके पंचक दोष का निवारण हो जाता है।
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