सार

आज (7 अगस्त, शनिवार) पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का योग बन रहा है। ये नक्षत्र अगले दिन यानी 8 अगस्त, रविवार की सुबह तक रहेगा। इस तरह शनिवार और रविवार दो दिन तक पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का संयोग रहेगा। इस शुभ संयोग में नए कामों की शुरुआत और खरीदारी से समृद्धि के साथ सफलता भी मिलती है। पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है। श्राद्ध करने वाले को धन, पुत्र और समृद्धि मिलती है। 

उज्जैन.  ज्योतिष में 27 नक्षत्र बताए गए हैं। इनमें से पुष्य का विशेष महत्व है। इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस बार 7 और 8 अगस्त को पुष्य नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है। इस शुभ नक्षत्र में खरीदी गई चीजें लंबे समय तक टिकी रहती हैं और घर की सुख-समृद्धि बढ़ाती हैं। 

शनि-रवि दोनों दिन पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) का संयोग
पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र शनिवार सुबह लगभग 8.20 से शुरू होकर रविवार सुबह करीब 9.37 तक रहेगा। इस नक्षत्र में शिव चतुर्दशी और हरियाली अमावस्या (Hriyali Amawasya) का योग भी बन रहा है। मान्यता है कि शनि पुष्य (Shani Pushay) नक्षत्र में खरीदी हुई वस्तु का उपयोग शुभ और फलदायी होता है। इसलिए बहुत से लोग शुभ कामों और खरीदारी के लिए इस नक्षत्र का इंतजार करते हैं।

नक्षत्रों का राजा है पुष्य (Pushya)
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र बताए गए हैं। इनमें से पुष्य को सभी नक्षत्रों का राजा माना गया है। इसके देवता बृहस्पति हैं। जो ज्ञान-विज्ञान और नीति में अग्रणी हैं। पुष्य नक्षत्र में किए गए सभी काम चिरस्थाई होते हैं। इस नक्षत्र का योग हर तरह के दोष हारने वाला और शुभ फलदायी है। पुष्य नक्षत्र में की गई खरीदारी को बहुत शुभ माना गया है क्योंकि इससे स्थिरता और समृद्धि बढ़ती है। इन दो दिनों तक बन रहे पुष्य नक्षत्र के योग में सभी राशियों के लिए खरीदारी शुभ रहेगी।

श्राद्ध और दान का पर्व
- पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है। श्राद्ध करने वाले को धन, पुत्र और समृद्धि मिलती है। 
- इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है। शनि पुष्य के संयोग में छाता, काले कपड़े, जूते-चप्पल, फर्नीचर, लोहे के बर्तन, तिल का तेल, लकड़ी या उड़द का दान करने से परेशानियों से छुटकारा मिलने लगता है। 
- वहीं, रवि पुष्य (Ravi Pushya) के योग में पेड़-पौधे लगाए जाएं तो पितर और देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। इस शुभ संयोग में औषधियों का दान करने से बीमारियां दूर होती हैं।
- हर महीने में एक दिन पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra) रहता है। इसका मतलब है साल में सिर्फ 12 दिन ही ये नक्षत्र होता है। वहीं इस दौरान नए कार्य की शुरुआत और नई वस्तु आदि की खरीदारी कर सकते हैं।