सार
ज्योतिष में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं, इनमें से 2 ग्रह राहु और केतु छाया ग्रह हैं। आमतौर पर इन्हें अशुभ ग्रह माना जाता है।
उज्जैन. कुंडली में ये ग्रह अन्य ग्रहों के साथ युति करते है इनका असर भी बदल जाता है। यहां जानिए राहु का अन्य ग्रहों के साथ युति करने पर कैसा फल प्राप्त होता है...
राहु और शुक्र
राहु के साथ शुक्र की युति से व्यक्ति गलत आदतों का शिकार हो सकता है। इस योग से व्यक्ति नशा, जुआं, अपराध और अन्य अधार्मिक काम कर सकता है। व्यक्ति में अत्यधिक साहस होता है जो कि नुकसानदायक है। शुक्र के शुभ असर को राहु समाप्त कर देता है। यदि राहु के साथ शुक्र वाला व्यक्ति धर्म की ओर चल पड़े और उसकी कुंडली मीन लग्न की हो तो वह तंत्र में उच्च कोटि की सफलता प्राप्त करता है।
राहु और गुरु
कुंडली में राहु और गुरु का योग होने पर व्यक्ति को लंबी उम्र प्राप्त होती है, लेकिन इनके जीवन परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं। ये लोग यात्राएं खूब करते हैं।
राहु और शनि
जिन लोगों की कुंडली में शनि के साथ राहु स्थित है, वे रहस्यमयी होते हैं। ये लोग गुप्त कार्यों से अधिक पैसा कमाते हैं। अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा सरकार से छिपाते हैं। यदि सप्तम भाव में ये युति रहती है तो जीवन साथी से तालमेल नहीं बन पाता है।
राहु और सूर्य
इस योग से व्यक्ति की आंखें कमजोर होती हैं। व्यक्ति को पिता के संबंध में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
राहु और चंद्र
इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक परेशानी, सिरदर्द, आंखों की बीमारी हो सकती है। ये लोग घर से दूर ज्यादा सफल होते हैं। ये ग्रहण दोष भी कहलाता है और इसकी वजह से तनाव रहता है।
राहु और मंगल
ये योग भाई के लिए अशुभ रहता है। शत्रु षडयंत्र का भय रहता है। रक्त विकार और ब्लड प्रेशर की समस्या हो सकती है। इसे अंगारक योग भी कहते है। यदि ये युति पंचम भाव में हो तो व्यक्ति गुप्त विद्या का जानकार होता है।
राहु और बुध
इस योग से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारी हो सकती है। ऐसा व्यक्ति खुद को होशियार समझता है और दूसरे को मूर्ख समझता है।