सार
ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह के संबंध में विस्तार पूर्वक बताया गया है। उसके अनुसार कुछ ग्रहों का स्वभाव सौम्य होता जबकि कुछ ग्रहों का क्रूर। जब सौम्य ग्रहों की युति बनती है और शुभ फल मिलते हैं, जबकि क्रूर ग्रहों की युति होने से अशुभ फल मिलते हैं और देश-दुनिया पर भी उसका नकारात्मक असर देखने को मिलता है।
उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र में शनि और मंगल को क्रूर ग्रह कहा गया है। पिछले दिनों ये दोनों ग्रह मकर राशि में थे। 7 अप्रैल को मंगल ग्रह के कुंभ में आने से इनकी युति भंग हो गई थी, लेकिन 29 अप्रैल को शनि (Shani Transit 2022) के राशि परिवर्तन करते ही ये युति फिर से बन जाएगी। इन दोनों ग्रहों का एक साथ शनि की राशि में आना विपरीत परिस्थितियों का निर्माण करेगा। इसका असर देश-दुनिया पर भी देखने को मिलेगा। आगे जानिए शनि-मंगल की ये अशुभ युति कब तक रहेगी और इसका क्या असर देखने को मिलेगा…
कब तक रहेगी शनि-मंगल की युति?
ज्योतिषियों के अनुसार, इस समय मंगल कुंभ राशि में है। 29 अप्रैल की सुबह शनि भी राशि परिवर्तन कर मकर से कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएगा। इस प्रकार इन दोनों ग्रहों की युति कुंभ राशि में हो जाएगी। 17 मई को जब मंगल राशि बदलकर मीन में जाएगा, तब इनकी युति टूटेगी। इस तरह शनि-मंगल का ये अशुभ योग 19 दिन तक रहेगा। इस दौरान कुछ घटनाएं होने से जन-धन की हानि हो सकती है।
इन राशि वालों को रहना होगा संभलकर
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, मंगल की राशि है मेष और वृश्चिक। शनि की राशि है मकर और कुंभ। कुंभ राशि में शनि और मंगल की युति होने से इन दोनों ग्रहों से संबंधित राशि वालों को संभलकर रहना होगा। इनके साथ कोई अप्रत्याशित घटना हो सकती है, जिसमें इन्हें चोट लग सकती है या फिर आर्थिक नुकसान हो सकती है। इस राशि के लोग क्रोध का त्याग करें और किसी दूसरे से विवाद में बोलने से बचें।
कैसे होगा शनि-मंगल की युति का असर?
- कुल 19 दिन शनि-मंगल साथ में रहने के कारण गर्मी का प्रकोप तेज होगा। इस वजह से सेहत संबंधी परेशानी हो सकती है।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि पश्चिम दिशा का स्वामी है इसलिए पश्चिमी देशों में बड़े विवाद और युद्ध जैस हालात बन सकते हैं। देश के पश्चिमी हिस्सों में भी आंधी, तूफान, आगजनी जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं।
- शनि के राशि बदलने पर उसकी दृष्टि उत्तर दिशा में रहेगी। इसलिए इस दिशा में भी प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप, भूस्खलन और आंधी-तूफान जैसे घटनाएं हो सकती हैं।
ये भी पढ़ें-
Guru Ke Upay: गुरु के राशि बदलने से इन 4 राशियों को होगी परेशान, बचने के लिए करें ये 10 आसान उपाय
एक राक्षस के शरीर के दो हिस्से हैं राहु-केतु, ये उपाय करने से दूर हो सकता है इनका अशुभ प्रभाव
Surya Grahan 2022: शनिश्चरी अमावस्या पर होगा साल का पहला सूर्यग्रहण, इन 4 राशि वालों को होगा फायदा?