सार
7 नवंबर, शनिवार को दिन भर पुष्य नक्षत्र रहेगा। ये नक्षत्र खरीदारी के लिए विशेष शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दीपोत्सव से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजें फलदायी, लंबे समय तक स्थायी और समृद्धि देने वाली होती है।
उज्जैन. 7 नवंबर, शनिवार को दिन भर पुष्य नक्षत्र रहेगा। ये नक्षत्र खरीदारी के लिए विशेष शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दीपोत्सव से पहले आने वाले पुष्य नक्षत्र में खरीदी गई चीजें फलदायी, लंबे समय तक स्थायी और समृद्धि देने वाली होती है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र के अनुसार, पुष्य नक्षत्र शनिवार सुबह 8.05 से शुरू होगा, जो अगले दिन सुबह 8.46 तक रहेगा। इस दिन सुबह से देर रात तक खरीदी की जा सकेगी। इसके लिए शनिवार को रात 12 बजे तक 5 शुभ मुहूर्त रहेंगे।
पुष्य के देवता हैं बृहस्पति
पुष्य नक्षत्र के देवता बृहस्पति माने गए हैं और शनि को इस नक्षत्र का दिशा प्रतिनिधि माना जाता है। बृहस्पति से शुभता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान मिलती है जबकि शनि स्थायित्व के प्रतीक हैं, इसलिए इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता हैं।
इस बार पुष्य नक्षत्र के साथ शुभ, मित्र और रवियोग
पुष्य नक्षत्र का अबूझ मुहूर्त इसलिए भी खास बन गया है, क्योंकि इसी दिन सूर्य-चंद्रमा की स्थिति से शुभ और रवियोग बन रहा है। साथ ही शनिवार और पुष्य नक्षत्र के संयोग से मित्र भी रहेगा। सितारों की इस स्थिति से खरीदारी का पर्व और भी खास हो गया है।
किस मुहूर्त में क्या खरीदना रहेगा शुभ
सुबह 8:10 से 9:25 तक- वाहन, घरेलू उपयोग की चीजें, तांबे के बर्तन, चल संपत्ति
दोपहर 12:10 से 01:25 तक- आभूषण, घर की जरूरत का सामान, वाहन
दोपहर 01:26 से 02:45 तक- चल-अचल संपत्ति, बचत और निवेश
दोपहर 02:46 से शाम 04:10 तक- कपड़े, मिठाइयां आभूषण, वाहन, प्रॉपर्टी
शाम 05:35 से 07:10 तक- सोना, चांदी, तांबे के बर्तन, रत्नाभूषण
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