सार
बच्चों पर नकारात्मक शक्तियों का असर सबसे पहले होता है क्योंकि उनका मन व मस्तिष्क बड़े लोगों की अपेक्षा बहुत कमजोर होता है।
उज्जैन. हम देखते हैं कि यदि कोई भी व्यक्ति एकटक बच्चे को देखता है तो बच्चा अनमना सा हो जाता है और रोने लगता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, ऐसे अनेक कारण हैं जो बच्चों को परेशान करते हैं। इस वजह से बच्चे अक्सर बीमार भी रहते हैं तथा उन्हें भय भी लगता है। कुछ साधारण उपाय कर बच्चों की इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है। ये उपाय इस प्रकार हैं-
पहला उपाय
यदि आपका बच्चा अक्सर बीमार रहता है तो उपचार के साथ-साथ हनुमानजी का ये उपाय भी कर सकते हैं। मंगलवार को एक अष्टधातु का कड़ा बनवाकर लाएं और इसे हनुमानजी की मूर्ति के सामने रख दें। फिर हनुमानजी के दाएं पैर का सिंदूर कड़े पर लगाकर पंचमुखी श्रीहनुमान कवच, बजरंग बाण, हनुमान बाहुक तथा 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें। फिर उस कड़े को अपने बच्चे के दाएं हाथ में पहना दें। साथ ही हनुमानजी से प्रार्थना करें कि बच्चा स्वस्थ रहे।
दूसरा उपाय
आपके बच्चे को बार-बार नजर लगती है तो मंगलवार को एक चांदी के ताबीज में हनुमानजी के चोले का सिंदूर भर लें और इसे काले धागे में डालकर अपने बच्चे के गले में पहना दें।
तीसरा उपाय
यदि बच्चे को अंधेरे से या कहीं अकेले जाने से डर लगता है तो मंगलवार को श्रीहनुमान चालीसा की पुस्तक लेकर हनुमानजी के मंदिर में अर्पित करें। फिर हनुमानजी के दाएं कंधे के सिंदूर से बच्चे को तिलक लगाकर मूर्ति के सामने लाल आसन पर बैठा दें और हनुमान चालीसा का पाठ 11 बार करें। ऐसा करने से बच्चे का भय जाता रहेगा।