सार

16 फरवरी, मंगलवार से शुक्र अस्त हो गया है। इस ग्रह के अस्त होने से मांगलिक कार्यों पर रोक बनी रहेगी। शुक्र ग्रह 17 अप्रैल को उदय होगा। इसके बाद 22 अप्रैल से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो सकेंगे।

उज्जैन. शुक्र के उदय होने से मई, जून और जुलाई में हर काम के लिए शुभ मुहूर्त रहेंगे। फिर 20 जुलाई से चातुर्मास शुरू होने के बाद देवशयन होने से शुभ काम नही किए जाएंगे। फिर नवंबर में देव प्रबोधिनी एकादशी के बाद फिर से मुहूर्त शुरू होंगे। इसके बाद दिसंबर में मलमास शुरू हो जाने से शादियों के लिए मुहूर्त नहीं रहेंगे।

17 अप्रैल को उदित होगा शुक्र

वैदिक विश्वविद्यालय चित्तौड़ के ज्योतिषाचार्य डॉ. मृत्युंजय तिवारी के अनुसार कोई भी ग्रह जब सूरज के पास आता है तो वो अस्त हो जाता है। जब शुक्र ग्रह सूर्य के इतने पास पहुंच जाता है, कि दोनों के बीच 11 डिग्री का अंतर हो तो शुक्र ग्रह अस्त माना जाता है। अस्त हो जाने पर इस ग्रह के शुभ फल में कमी आ जाती है। अब तकरीबन 2 महीने बाद यानी 17 अप्रैल को ये शुक्र उदित हो जाएगा। इसके बाद पहला शुद्ध विवाह मुहूर्त 22 अप्रैल को रहेगा। इसके बाद शादी, गृहप्रवेश और अन्य संस्कारों को पूरा करने के लिए मुहूर्त शुरू हो जाएंगे।

सुख और समृद्धि देता है शुक्र

डॉ. तिवारी के अनुसार, ज्योतिष में शुक्र को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है। इसलिए शुक्र के प्रभाव से ही इंसान को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुख मिलते हैं।