सार
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब दो शत्रु ग्रह एक ही राशि में होते हैं तो अशुभ योग बनता है। इस अशुभ योग का असर देश-दुनिया के साथ-साथ हर व्यक्ति के जीवन पर भी दिखाई देता है। ऐसा ही एक अशुभ योग जल्दी ही बनने वाला है।
उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, 27 जून को मंगल ग्रह राशि बदलकर मीन से मेष में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही राहु स्थित है। इस तरह एक ही राशि में राहु और मंगल के होने से अंगारक नाम (Angarak Yoga 2022) का अशुभ योग बनेगा, जो 10 अगस्त तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहु और मंगल दोनों ही उग्र स्वभाव के ग्रह हैं। इन दोनों का एक ही राशि में होने किसी बड़ी घटना-दुर्घटना का कारण भी बन सकता है। ये योग जब तक रहेगा, देश-दुनिया में कुछ न कुछ उठा-पटक चलती रहेगी। आगे जानिए अंगारक योग का प्रभाव और इसके अशुभ फल से बचने के उपाय…
अंगारक योग का प्रभाव (Effect of Angarak Yoga)
- 27 जून को जैसे ही मंगल ग्रह मेष राशि में प्रवेश करेगा, राहु से इसकी युति बन जाएगी और अंगारक योग का अशुभ प्रभाव आरंभ हो जाएगा। इस अशुभ योग का असर देश-दुनिया पर देखने को मिलेगा।
- अंगारक योग के कारण देश के कुछ हिस्सों में हिंसा, प्रदर्शन और यातायात दुर्घटनाएं बढ़ने की संभावना है। वही प्राकृतिक आपदाएं जैसे भूकंप,तूफान या भूमि स्खलन आदि होने भी हो सकता है।
- इस समय बारिश का मौसम रहेगा, जिसके चलते देश में कुछ स्थानों पर अति वृष्टि से जान-मान का नुकसान हो सकता है तो कहीं अनावृष्टि के कारण हाहाकार मचेगा।
- इस दौरान आजनी की घटनाएं अचानक बढ़ सकती है, जिसमें जान-मान का नुकसान हो सकत है। साथ ही आतंकवादी गतिविधियां बढ़ने से सेना को अधिक मशक्कत करनी पड़ सकती है।
- लोगों में हृदय रोग, चोट, जलना और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां बढ़ सकती हैं। इस दौरान कुछ लोगों की जान भी जा सकती है। इसलिए लोगों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना होगा।
- संपत्ति आदि मामलों में तेजी आ सकती है। भूमि-भवन से जुड़े मामले एक के बाद एक सुलझते जाएंगे। वहीं जमीनों के दामों में अचानक उतार-चढ़ाव भी हो सकता है।
इन लोगों पर होगा सबसे ज्यादा निगेटिव असर
जिन लोगों की कुंडली में राहु और मंगल एक ही भाव में है, उन लोगों के जीवन पर इस अशुभ योग का सबसे अधिक असर देखने को मिलेगा। इसके अशुभ फल से बचने के लिए आगे बताए गए उपाय करें…
1. मसूर की दाल का दान करें।
2. मंगलवार को तांबे के बर्तन में अनाज भरकर ब्राह्मण को दान करें।
3. पानी में लाल चंदन डालकर स्नान करें।
4. हनुमान जी को सिंदूर का चोला चढ़ाएं।
5. तांबे का चौकोर टुकड़ा नदी में प्रवाहित करें।
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