Chapda Chutney: छत्तीसगढ़ के बस्तर की फेमस चापड़ा या लाल चींटी की चटनी अपने अनोखे स्वाद और हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जानी जाती है। इसमें मौजूद प्रोटीन, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट शरीर की इम्युनिटी बढ़ाते हैं और पाचन सुधारते हैं। 

Red Ant Chutney: नॉन वेजीटेरियन खाने से हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं, यह तो आपने सुना होगा लेकिन क्या आप जानते हैं कि नॉनवेज खाने में भी आखिर क्या-क्या हमारे देश में शामिल किया जाता है? इसकी लिस्ट शायद लंबी हो सकती है। लेकिन आज हम आपको भारत देश के ऐसे राज्य के बारे में बताएंगे जहां पर मुर्गा, बकरा या मछली नहीं बल्कि चीटियों को चाव से खाया जाता है। जी हां! छत्तीसगढ़ के बस्तर में लाल चीटियों को पीसकर चटनी बनाई जाती है। खास बात यह है कि सिर्फ चींटी ही नहीं बल्कि उसके सफेद अंडों का इस्तेमाल भी चटनी के लिए किया जाता है। आइए जानते हैं कि आखिर लाल चींटी की चटनी या चापड़ा चटनी कैसे बनाते हैं और उसे खाने से शरीर को क्या फायदे पहुंचते हैं।

कैसे बनाते हैं चापड़ा चटनी?

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बस्तर जिले के ट्राईबल्स चापड़ा चटनी को अपने खाने में जरूर शामिल करते हैं। इसे बनाना भी बेहद आसान होता है। पहले पेड़ से लाल चीटियों को पड़कर इन्हें मारना पड़ता है। इसके बाद अदरक, लहसुन, हरी धनिया और मिर्च को पीसने के बाद लाल चींटी को और भी मिलाकर पीसा जाता है। स्वाद के अनुसार नमक मिलाकर चटनी का सेवन किया जाता है। बताया जाता है कि लाल चींटी की चटनी का स्वाद हल्का खट्टा होता है और स्वास्थ्य के लिए बेहद अच्छा माना जाता है।

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लाल चीटी की चटनी खाने के क्या हैं फायदे?

  1. लाल चींटी की चटनी में प्रोटीन के साथ एंटीऑक्सीडेंट, कैल्शियम और आयरन जैसे न्यूट्रिशन होते हैं, जो कि शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं।
  2. लाल चींटी की चटनी खाने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूती मिलती है। जिन लोगों को जल्दी-जल्दी इंफेक्शन होता है, उन्हें भी लाल चींटी की चटनी खाने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह इम्युनिटी बढ़ाती है।
  3. लाल चींटी की चटनी सर्दी, खांसी, एनीमिया, पीलिया, मलेरिया और जोड़ों के दर्द जैसी कई बीमारियों को सही करने का इलाज मानी जाती है।
  4. चीटियां में मौजूद एंजाइम और फार्मिक एसिड भोजन को पचाने में मदद करता है। वहीं लाल चींटी की चटनी खाने से फाइबर भी मिलता है। इस कारण से पाचन दुरस्त करने के लिए भी इसे खाया जाता है। 

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