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क्या आप भी मूली में से निकाल कर फेंक देते हैं इसके पत्ते? तो भूलकर भी ना करें यह गलती, इसके होते हैं बेहतरीन फायदे
लाइफस्टाइल डेस्क : अक्सर देखा जाता है कि जो लोग मूली खाते हैं वह इसके पत्तों को निकालकर कूड़ेदान में फेंक देते हैं। लेकिन अगली बार से ऐसा बिल्कुल मत कीजिए, क्योंकि मूली के पत्ते बेहद फायदेमंद होते हैं और आपकी सेहत को कई फायदे पहुंचा सकते हैं।

सर्दियों के दिनों में मूली, शलगम, गाजर जैसी रूट वेजिटेबल्स मार्केट में खूब आती हैं। जिनका सेवन बेहद फायदेमंद होता है। खासकर अधिकतर लोग मूली का सेवन जरूर करते हैं। लेकिन इसके पत्तों को फेंक देते हैं पर आपको जानकर हैरानी होगी कि मूली से ज्यादा फायदेमंद इसके पत्ते होते हैं।
मूली के पत्तों में मौजूद पोषक तत्व की बात की जाए तो यह कैलोरी में काफी कम होता है। इसके साथ ही इसमें प्रोटीन, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, विटामिन सी और विटामिन के भी पाया जाता है।
मूली के पत्तों का इस्तेमाल आप कई तरह से कर सकते हैं। आप मेथी, पालक की तरह इस की भाजी बना सकते हैं। आप चाहे तो सरसों के साग में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं या मूली के पत्तों का जूस सुबह पी सकते हैं। यह सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है। इसमें आप स्वाद के लिए नमक और काली मिर्च के साथ आधा नींबू डाल सकते हैं।
इतना ही नहीं मूली के पत्ते में एरुकेमाइड नामक तत्व पाया जाता है, जिसका सेवन करने से दिमाग तेज होता है और याददाश्त भी बढ़ती है। खासकर जो लोग अल्जाइमर जैसे रोग से पीड़ित होते हैं उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
मूली के पत्ते फाइबर से भरपूर होते हैं। ऐसे में इसका सेवन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त होता है और पेट संबंधी परेशानियां नहीं होती है।
रिसर्च में ये बात साबित हो चुकी है कि मूली के पत्तों में एंटी ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं जो फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। यह लंग्स के ऊतकों को ऑक्सीडेटिव तनाव से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।
मूली के पत्तों में विटामिन ए और विटामिन सी पाया जाता है, जो प्रतिरक्षा कोशिकाओं - डब्ल्यूबीसी (वाइट ब्लड सेल्स) के निर्माण में मदद करता है। ये ना केवल सर्दी और खांसी जैसी सामान्य बीमारियों को रोकते हैं बल्कि कैंसर, मधुमेह और हृदय रोग जैसी पुरानी बीमारियों को कम करने में मदद करते हैं।
मूली के पत्तों में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट एंथोसायनिन शरीर से हानिकारक मुक्त कणों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। ये शरीर से एंथोसायनिन मुक्त कणों को नष्ट कर देता है जो दिल संबंधी बीमारी और स्ट्रोक का कारण होता है।
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