Pahadi Masala Chai Recipe: चाय के दीवाने भारत में आपको हर घर में मिल जाएंगे, यहां जितनी वेरायटी चावल की है उतनी ही चाय की। हर एक शहर और राज्य बदने पर मिल जाएगी। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे पहाड़ी चाय की रेसिपी और चाय में चायपत्ती डालने का सही वक्त।
When to Add Chai Patti in Tea: सर्दियां शुरु हो चुकी है और दिन की शुरुआत एक कप चाय से न हो ये हो नहीं सकता। इंडियन फैमिली में सुबह की शुरुआत चाय की चुस्की से होती है। सर्दियों में नॉर्मल चाय से ज्यादा लोग मसाला चाय पीना पसंद करते हैं, लेकिन घर पर मसाला चाय बनाने पर उसमें ठेले वाली स्वाद नहीं आती। इसका कारण है चाय बनाते वक्त सामग्री को सही समय पर सही तरीके से डालना। अक्सर लोग चायपत्ती, चीनी, मसाले को एक साथ उबालकर दूध डाल लेते हैं, और उबालकर चाय तैयार करते हैं। लेकिन आपको ऑथेंटिक पहाड़ी मसाला चाय की चुस्की लेनी है, तो आज जान लें की चाय में चाय पत्ती कब डालनी है और कैसे बनाना है पहाड़ी मसाला चाय।
चाय के लिए सामग्री
- काली मिर्च
- 1 इलायची
- 1 लौंग
- अदरक
- दालचीनी
- चीनी
- चाय पत्ती
- दूध
- पानी
- मसाला तैयार करें
- काली मिर्च
- एक इलायची
- एक लौंग
- थोड़ा अदरक
- थोड़ा दालचीनी
- इन सभी को सिल-बट्टे पर कूटकर दरदरा मसाला तैयार करें। इसी ताजगी से आपकी चाय सुपर फ्लेवर्ड बनेगी।
चाय बनाने की विधि (Pahadi Masala Chai)
सबसे पहले बनाएं कैरामेल बेस
- एक पैन में थोड़ी चीनी और थोड़ा पानी डालें।
- इसे ऐसे पकाएं कि चीनी पिघलकर हल्की सुनहरी कैरामेल जैसी दिखने लगे।
- इससे चाय में एक खास पहाड़ी मिठास और रंग आता है।
- चीनी सुनहरी हो जाए तो उसमें पानी डालें और चाशनी के साथ अच्छे से घोल लें।
इसे भी पढ़ें- International Tea Day: एक चाय सही तो बनेगी सेहत, गलत तो बिगड़ेगी तबीयत!
अब डालें मसाला
- कूटा हुआ मसाला (काली मिर्च, इलायची, लौंग, अदरक, दालचीनी) डालें।
- 2–3 मिनट पकाएं।
- जब मसालों की तेज सुगंध आने लगे, तब अगला स्टेप करें।
अब डालें दूध
- पैन में दूध डालें और इसे उबलने दें।
- पहली उबाल आते ही चाय पत्ती डालें।
- चाय पत्ती कब डालें? यही है सबसे महत्वपूर्ण बात
- चायपत्ती हमेशा दूध में उबाल आने के बाद डालें। यानी पहाड़ी चाय के लिए चायपत्ती अंतिम सामग्री होगी जिसे लास्ट में डालना है।
इसे भी पढ़ें- क्या चाय पीने से वजन बढ़ता है या घटता है? चलिए जानें विस्तार से
क्यों अंत में डालें चायपत्ती?

- पहले डालने से चाय कड़वी हो सकती है
- बाद में डालने से फ्लेवर दब जाता है
- उबाल के बाद डालने से रंग, स्वाद और सुगंध-तीनों बैलेंस रहते हैं
- यह पहाड़ी चाय का पारंपरिक तरीका है
- अब चाय को पकाएं
चाय पत्ती डालने के बाद चाय को तब तक पकाएं जब तक-
- झाग कम न हो जाए
- चाय की महक तेज न आने लगे
- रंग गहरा न दिखने लगे
- इससे मसालों और चाय पत्ती का स्वाद दूध में अच्छे से घुल जाता है।
- चाय छानकर गरमा गरम परोसें
- पहाड़ी चाय का असली मजा है इसकी गाढ़ी, हल्की मसालेदार और सुगंधित चुस्कियों में।
