What is white garden vegetarian kitchen: वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन का कॉन्सेप्ट क्या है। इसे बालकनी जैसी छोटी जगह में कैसे शुरू कर सकते हैं। 

वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन दरअसल एक ऐसा छोटा-सा किचन गार्डन कॉन्सेप्ट है, जिसमें आप घर पर उगाई गई ताज़ी, शुद्ध और केमिकल-फ्री सब्जियों का इस्तेमाल अपने रोज के खाने में करते हैं। वाइट गार्डन का मतलब यहां साफ-सुथरी, ऑर्गेनिक और नेचुरल ग्रोथ से है जहां मिट्टी, पानी और हवा बिना जहर के हों। यह ट्रेंड खासतौर पर हेल्थ-कॉन्शस और वेजिटेरियन परिवारों में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन घर में कैसे बनाएं?

घर के छोटे कोने में वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन बनाने के लिए आपको ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती। बालकनी, खिड़की के पास धूप वाला कोना, या किचन के पास का छोटा स्पेस भी काफी है। सबसे पहले 4–5 गमले या ग्रो बैग लें, जिनमें धनिया, पुदीना, हरी मिर्च, पालक, मेथी या टमाटर जैसी जल्दी उगने वाली सब्जियां लगाई जा सकती हैं। मिट्टी में वर्मी कम्पोस्ट या घर की किचन वेस्ट से बनी खाद मिलाएं, ताकि सब्जियां पूरी तरह ऑर्गेनिक रहें।

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केमिकल फर्टिलाइजर को साफ No

वाइट गार्डन की खासियत यह है कि इसमें केमिकल फर्टिलाइजर या पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं किया जाता। कीड़ों से बचाव के लिए नीम पानी, छाछ का घोल या हल्दी-मिश्रित पानी जैसे नेचुरल उपाय अपनाए जाते हैं। रोज 15–20 मिनट पौधों की देखभाल करने से कुछ ही हफ्तों में आप अपनी किचन के लिए ताजी सब्जियां तोड़ सकते हैं। इस तरह का वेजिटेरियन किचन न सिर्फ आपके खाने को हेल्दी बनाता है, बल्कि पैसे भी बचाता है और मानसिक सुकून भी देता है। घर में उगी सब्जियों से बना खाना सच में शुद्ध और सात्त्विक अनुभव देता है यही है वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन की असली खूबसूरती।

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वाइट गार्डन फूड-फिलॉसफी क्यों कर रही ग्रो

  • सबसे पहले, इसमें सात्त्विक भोजन की सोच जुड़ी होती है। यानी ऐसा खाना जो शरीर को हल्का रखे, पाचन सुधारे और मन को शांत करे। इसलिए वाइट गार्डन में उगी सब्जियों के साथ-साथ तुलसी, अजवाइन, करी पत्ता, एलोवेरा और लेमन ग्रास जैसे औषधीय पौधे भी लगाए जाते हैं, जिन्हें चाय, काढ़ा या घरेलू उपचार में इस्तेमाल किया जाता है।
  • दूसरी खास बात जीरो-वेस्ट किचन सिस्टम है। किचन से निकलने वाले सब्जियों के छिलके, चायपत्ती और फल के अवशेष को फेंकने की बजाय कम्पोस्ट बनाकर फिर उसी गार्डन में इस्तेमाल किया जाता है। इससे न कचरा बढ़ता है और न बाहर से खाद खरीदने की जरूरत पड़ती है।
  • वाइट गार्डन वेजिटेरियन किचन में सीजनल और लोकल खाना खाने पर जोर दिया जाता है। जो सब्जी जिस मौसम में उगती है, वही उगाई और खाई जाती है। इससे शरीर का नेचुरल रिदम बना रहता है और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।
  • इसमें मेंटल वेलनेस का पहलू भी जुड़ा होता है। रोज पौधों को पानी देना, उन्हें बढ़ते देखना और अपने हाथों से उगाई सब्जियां खाना, यह सब तनाव कम करता है और मन को स्थिर करता है। कई लोग इसे मेडिटेशन जैसा अनुभव मानते हैं।