सार

12 साल की लड़की ने कहा कि मैं केवल स्मोकी पान ट्राई करना चाहती थी, क्योंकि यह देखने में काफी दिलचस्प लग रहा था। सभी खा रहे थे। लेकिन जैसे ही खाया मेरे पेट में दर्द हुआ जो बर्दाश्त से बाहर था।

हेल्थ डेस्क. स्कोमी पान का ट्रेंड बढ़ता जा रहा है। मॉल हो या फिर ओपन मार्केट हर जगह पान शॉप पर स्मोकी पान बेचा जा रहा है और लोग इसे चाव से खा भी रहे हैं। लेकिन हाल ही में 12 साल की बच्ची के साथ इस पान को खाने से जो हुआ, उसे सुनकर ना सिर्फ आप सिहर जाएंगे बल्कि इसे खाने से भी दूर भागेंगे। वाकया बेंगलुरु की है जहां एक बच्ची के पेट में छेद हो गया जब उसने यह पान खाया।

रिपोर्टों के अनुसार, बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां पर जांच में वेध पेरिटोनिटिस नामक एक बीमारी का पता चला, जिसका अर्थ है पेट में एक छेद। घटना अप्रैल महीने के अंत की है। डॉक्टरों ने कहा कि लड़की के पेट का छेद 4×5 सेमी का था। जिसे सर्जरी के जरिए ठीक किया गया। बच्ची की दो दिन तक गहन देखभाल किया गया और छह दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

सर्जरी से गुजरी बच्ची

मीडिया से बातचीत में पीड़ित बच्ची ने कहा कि मैं शादी में गई थी। वहां पर लोग स्मोकी पान खा रहे थे। यह दिलचस्प लगा मैं इसे ट्राई करना चाहती थीं। जब मैंने खाया तो मुझे बर्दाश्त से बाहर दर्द हुआ। जबकि वहां अन्य को ये दर्द नहीं हुआ। अस्पताल में ले जाने के बाद पता चला कि पेट में छेद हो गया है। हॉस्पिटल में बच्ची को इंट्रा-ऑप ओजीडी स्कोपी और स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी के साथ एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटॉमी से गुजरना पड़ा। हालांकि अब बच्ची पूरी तरह स्वस्थ्य है।

तमिलनाडु में सामने आया अन्य मामला

लेकिन स्मोकी पान खाने से पहले सतर्कता जरूरी है। डॉक्टर के मुताबिक 20 डिग्री सेल्सियस पर 1:694 के तरल-से-गैस विस्तार अनुपात के साथ लिक्विड नाइट्रोजन, महत्वपूर्ण स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है। तमिलनाडु में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था जब 'स्मोकिंग बिस्किट' खाने के बाद एक लड़के को दर्द हुआ। उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था। राज्य सरकार के खाद्य सुरक्षा विभाग (एफएसडी) ने खाद्य पदार्थों में तरल नाइट्रोजन के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया। इसमें कहा गया है कि धूम्रपान करने वाले बिस्कुट या तरल नाइट्रोजन युक्त खाद्य पदार्थ "खतरनाक" हैं।

तरल नाइट्रोजन क्या है?

भोजन की गुणवत्ता और शेल्फ जीवन में सुधार के लिए लंदन स्थित एक कंपनी द्वारा तरल नाइट्रोजन विकसित किया गया था। चूंकि वाष्पित होने पर नाइट्रोजन की मात्रा लगभग 700 गुना बढ़ जाती है, यह खाद्य पैक में ऑक्सीजन को विस्थापित कर देती है, जिससे वह ताज़ा रहता है। इस तकनीक का उपयोग कॉफी, आलू के चिप्स, मूंगफली और मूंगफली का मक्खन, छाछ, पनीर और तले हुए आलू की पैकिंग में किया गया था। आजकल इसका उपयोग रेस्तरां और होटल में कस्टमर को लुभाने के लिए किया जा रहा है।

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