सार

आयुर्वेदिक पद्धति पंचकर्म के माध्यम से केवल 14 दिनों में 6 किलो वजन कम किया जा सकता है। रोहित रॉय का यह अनुभव इस पद्धति की प्रभावशीलता का प्रमाण है। पंचकर्म शरीर को डिटॉक्स करके, पाचन क्रिया में सुधार लाकर वजन घटाने में मदद करता है।

वजन घटाना (weight loss)… आजकल हर किसी की सबसे बड़ी समस्या। वॉकिंग, योगा, जिम, डाइट सब कुछ करने के बाद भी महीने में एक किलो वजन कम करना मुश्किल होता है। सौ, दो सौ ग्राम वजन कम करना भी कितना मुश्किल है, यह हाल ही में ओलंपिक (Olympics) में विनेश फोगाट (Vinesh Phogat) के साथ हुई घटना ने दिखाया है। लेकिन हमारे आयुर्वेद (Ayurveda) में सब कुछ संभव है। आपका वजन भी आयुर्वेद के माध्यम से आसानी से कम किया जा सकता है। इसका जीता जागता उदाहरण हैं अभिनेता रोहित रॉय। केवल 14 दिनों में 6 किलो वजन कम करने वाले रोहित ने अपने इस इलाज के बारे में जानकारी दी है। 

भारत में प्राचीन काल से ही आयुर्वेद का उपयोग होता आ रहा है। रोहित रॉय ने अपना वजन कम करने के लिए आयुर्वेद के पंचकर्म का सहारा लिया। 2021 से ही वह आयुर्वेदिक पंचकर्म चिकित्सा के माध्यम से वजन कम कर रहे हैं। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में रोहित रॉय ने बताया कि उन्होंने 14 दिनों में 6 किलो वजन कम किया है। केरल में इलाज के लिए जाने से पहले उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं थीं। पंचकर्म से न केवल उनकी सभी समस्याएं कम हुईं बल्कि उन्हें यह चिकित्सा पसंद भी आ गई। वह साल में एक बार इस चिकित्सा का सहारा लेते हैं। 

 

रोहित रॉय कभी-कभी दस दिनों तक इलाज करवाते हैं। उनका मकसद वजन कम करना नहीं है। वह कहते हैं कि मैं शरीर को डिटॉक्स करने के लिए वहां जाता हूं। 

पंचकर्म चिकित्सा क्या है? : पंचकर्म स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति है। इसमें सबसे पहले केले के माध्यम से शरीर को साफ किया जाता है। इससे शरीर दवा को अच्छी तरह से ग्रहण कर पाता है। पंचकर्म न केवल शरीर को डिटॉक्स करता है बल्कि वजन घटाने में भी मददगार है। 

यहां व्यक्ति के शरीर के स्वभाव के अनुसार इलाज किया जाता है। व्यक्ति के शरीर में कफ, पित्त और वात में से किस तत्व की अधिकता है, इसका पता लगाकर ही इलाज किया जाता है। पंचकर्म में पांच चिकित्सीय प्रक्रियाएं होती हैं। ये शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर कफ, पित्त और वात को संतुलित करती हैं। 

वमन : इलाज से पहले वमन यानी उल्टी करवाई जाती है। इससे कफ शरीर से बाहर निकल जाता है। इससे फेफड़ों का स्वास्थ्य और मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।

विरेचन : इसमें भी विषाक्त तत्व बाहर निकल जाते हैं। आंतों को साफ करने के लिए शुद्ध करने वाले पदार्थों का उपयोग करके लिवर और गॉल ब्लैडर में जमा पित्त को बाहर निकाला जाता है। यह लिवर को डिटॉक्सिफाई करता है। पाचन क्रिया में सुधार के साथ-साथ वजन घटाने में भी सहायक है। 

बस्ती : यह एनीमा चिकित्सा है। इसमें शरीर के निचले हिस्से को साफ किया जाता है।

नास्य:  यह नाक और गले को साफ करने की प्रक्रिया है। इसमें नासिका मार्ग में औषधीय तेल या चूर्ण डाला जाता है। यह चिंता को कम करने के साथ-साथ हार्मोन को संतुलित करता है। 

रक्त मोक्षण : यह दूषित रक्त को निकालने की प्रक्रिया है। इसमें शरीर से खराब रक्त को बाहर निकाला जाता है। रक्त को शुद्ध करता है, सूजन को कम करता है और पित्त को संतुलित करता है।

 

14 दिनों में कितना वजन कम हो सकता है : पंचकर्म चिकित्सा 14 दिन लेने पर चार से पांच किलो वजन कम किया जा सकता है। लेकिन यह आपके शरीर के स्वभाव पर निर्भर करता है।