blood cancer warning signs: ब्लड कैंसर का सबसे खतरनाक पहलू यह है कि इसके शुरुआती लक्षण अक्सर आम थकान या बुखार जैसे लगते हैं। इसलिए शरीर बार-बार संकेत दे तो इसे हल्के में न लें।

ब्लड कैंसर, एक ऐसा नाम जिसे सुनते ही डर लगने लगता है। लेकिन सच ये है कि अगर इसके शुरुआती लक्षण पहचान लिए जाएं, तो इसे समय रहते कंट्रोल करना और इलाज करना संभव है। अक्सर लोग इसके संकेतों को नजरअंदाज कर देते हैं और जब तक पता चलता है, तब तक बीमारी आखिरी स्टेज में पहुंच चुकी होती है। आइए जानते हैं कि ब्लड कैंसर (Blood Cancer) की आखिरी स्टेज में शरीर के अंदर क्या होता है और इसे पहचानने के शुरुआती लक्षण कौन से हैं।

ब्लड कैंसर होता क्या है?

ब्लड कैंसर तब होता है जब हड्डियों की मज्जा (bone marrow) में बनने वाले ब्लड सेल्स (white blood cells, red blood cells और platelets) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगते हैं। ये असामान्य सेल्स सामान्य ब्लड सेल्स को रिप्लेस कर देते हैं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है और ऑक्सीजन सप्लाई में गड़बड़ी आने लगती है। ब्लड कैंसर तीन टाइप का होता है।

  1. Leukemia (ल्यूकेमिया) – जब ब्लड में सफेद कोशिकाएं बहुत तेजी से बढ़ने लगती हैं।
  2. Lymphoma (लिम्फोमा) – जब लिम्फ नोड्स और लसीका तंत्र (lymphatic system) इफेक्ट होता है।
  3. Myeloma (मायलोमा) – जब प्लाज्मा सेल्स कैंसरस हो जाते हैं।

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ब्लड कैंसर की लास्ट स्टेज में शरीर में क्या होता है?

ब्लड कैंसर की आखिरी स्टेज यानी Stage 4, में कैंसर सेल्स शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुके होते हैं जैसे लिवर, स्प्लीन, बोन, लिम्फ नोड्स और कभी-कभी ब्रेन तक। इस स्थिति में सामान्य ब्लड सेल्स का काम पूरी तरह बाधित हो जाता है।

इम्यून सिस्टम का टूटना: इस कंडीशन में शरीर छोटी-छोटी इंफेक्शन तक से लड़ नहीं पाता। बार-बार बुखार, ठंड लगना और इंफेक्शन होना आम बात बन जाती है।

एनीमिया और थकावट: रेड ब्लड सेल्स कम होने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है। रोगी हमेशा थका हुआ महसूस करता है, सांस फूलती है, और शरीर पीला पड़ने लगता है।

ब्लीडिंग और ब्रूजिंग: प्लेटलेट्स घटने के कारण मामूली चोट पर भी खून बहना बंद नहीं होता। मसूड़ों से, नाक से खून आना या स्किन पर नीले निशान बनना आम संकेत हैं।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द: बोन मैरो में कैंसर सेल्स के बढ़ने से हड्डियों में तेज दर्द या सूजन होती है। यहां तक कि चलना-फिरना मुश्किल हो जाता है।

वजन घटना और भूख कम होना: शरीर की एनर्जी लगातार सेल्स के खिलाफ लड़ने में लगती है, जिससे वजन तेजी से घटता है।

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समय रहते पहचानें ब्लड कैंसर के शुरुआती 7 लक्षण

  1. बार-बार बुखार या इंफेक्शन होना 
  2. कमजोरी और थकान बनी रहना 
  3. शरीर में बिना वजह वजन घटना 
  4. त्वचा का पीला या फीका पड़ना 
  5. लिम्फ नोड्स (गर्दन, बगल, जांघ के पास) में सूजन 
  6. रात में अत्यधिक पसीना आना
  7. छोटे घाव या कट में खून का देर तक न रुकना

अगर ये लक्षण 2-3 हफ्ते से ज़्यादा समय तक बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

ब्लड कैंसर की पहचान कैसे होती है?

डॉक्टर इसके लिए कई तरह के टेस्ट और डायग्नोसिस करते हैं। जैसे CBC (Complete Blood Count) टेस्ट यानि खून में WBC, RBC और Platelets की मात्रा चेक की जाती है। दूसरा Bone Marrow Biopsy यह बताता है कि कैंसर सेल्स कितने बढ़ चुके हैं। तीसरा Flow Cytometry / Genetic Tests से कैंसर के टाइप और उसके फैलाव का पता लगाया जाता है।