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Health Budget:जानें पिछले 5 सालों में हेल्थ सेक्टर के लिए कैसा रहा बजट, इस बार क्या है उम्मीदें
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कोरोना काल के बाद से स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार एक बड़ी मांग रही है। हेल्थ सेक्टर पर ज्यादा बजट की मांग हो रही है। सरकार अभी भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए 2 प्रतिशत भी खर्च नहीं कर रही हैं। ऐसे में इस बार के बजट (Budget 2023-2024) में हेल्थ सेक्टर को निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) से काफी उम्मीदें हैं।
पिछले पांच सालों की बजट की तुलना करें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि हेल्थ सेक्टर के लिए बजट बढ़ाए गए हैं। साल 2022-203 के बजट में निर्मला सीतारमण ने हेल्थ सेक्टर के लिए 86,200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। जो साल 2021-22 के बजट से 16 गुना ज्यादा था।
साल 2021-22 में बजट में हेल्थ सेक्टर को 73,931 करोड़ रुपये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) को आवंटित किए गए थे। इसके साथ ही इस बजट में नेशनल टेली मेंटल हेल्थ प्रोग्राम की घोषणा की गई थी। नेशनल डिजिटल के लिए एक ओपन प्लेटफॉर्म भी इसी बजट में शुरू किया गया था।
वहीं, मोदी सरकार के बजट 2020-21 में हेल्थ सेक्टर के लिए 67,112 आवंटित किए गए थे। तब कोरोना ने हमारे देश में दस्तक ही दिया था। हालांकि कोरोना महामारी में यह बजट काफी कम पड़ गया था।
वहीं, 2019-20 में हेल्थ सेक्टर के सरकार ने 63,538 करोड़ रुपये दिए थे। जो पिछले बजट से 7,589 करोड़ रुपए ज्यादा थी।
साल 2018-19 के बजट में सरकार ने हेल्थ सेक्टर को 55,949 करोड़ रुपये खर्च करने के लिए दिए थे। हालांकि हर बजट में हेल्थ सेक्टर के लिए रकम तो बढ़ाए गए। लेकिन आबादी और हेल्थ सेक्टर की स्थिति को देखते हुए ये कम पड़ गए हैं।
इस बार बजट में हेल्थ सेक्टर को लेकर काफी उम्मीदें हैं। कोरोना महामारी के दौर से गुजर चुके लोगों की नजर सरकार के बजट पर होगी। विशेषज्ञों की मानें तो सरकार पिछले बजट की तुलना में 20-30 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है। बीमा, टीके और टेक्नोलॉजी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट (आरएंडडी)समेत कई क्षेत्रों से निपटने के लिए बजट बढ़ा सकती है।