सार
एचआईवी एड्स (HIV Aids) ह्यूमनइम्यूनो डेफिशियेन्सी वायरस संक्रमण की वजह से होता है। यह एक संक्रामक बीमारी है जो एक से दूसरे को फैलता है। विश्व में ज्यादातर लोग एचआईवी एड्स की खतरे की जद में रहते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी के बारे में।
हेल्थ डेस्क. एड्स की बीमारी ह्यूमनइम्यूनो डेफिशियेन्सी वायरस (HIV) से होती है। यह एक यौन रोग है जो मरीज के सीमने, वजाइनल फ्लूइड और खून के संपर्क में आने से होता है। हालांकि इस बीमारी का कोई अभी स्थायी इलाज नहीं बना है। इसे रोकने के लिए वैक्सीन बनाया जा रहा है, लेकिन अभी पूरी तरह सफलता हासिल नहीं हुई है। हालांकि एचआईवी को लेकर लोगों के बीच जागरूकता आने से नए संक्रमणओं में कमी जरूर आ रही है। मौतों में भी गिरावट आई है। लेकिन आज भी यह सबसे खतरनाक बीमारी है।
एड्स असुरक्षित यौन संबंध बनाने और नशीली दवाओं के इंजेक्शन लगाने वालों को होता है।बहुत ही कम मामले सामने आते हैं कि ब्लड ट्रांसफर के जरिए ये बीमारी फैली हो। एचआईवी के शरीर में आने से कमजोरी आने लगती हैं। कई बीमारियां एक साथ घर कर लेती हैं। शरीर में 8-10 बीमारियों के लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
तो चलिए बताते हैं एड्स के शुरुआती लक्षण (aids symptom) क्या-क्या होते हैं
बुखार
चरम ठंड लगना
अत्यधिक थकान
गले में खरास
मांसपेशियों के दर्द
रात को पसीना
सूजी हुई लसीका ग्रंथियां
मुंह के छाले
क्यों हो जाता है शरीर कमजोर
एचआईवी शरीर में प्रवेश करते ही प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्षित करता है। चूंकि एचआईवी धीरे-धीरे शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है। जिससे इम्युन सिस्टम पूरी तरह कमजोर हो जाता है। जिससे कई बीमारी अटैक करती हैं।
जोखिम कारक (Aids risk factor)
यौन संपर्क
ब्लड ट्रांसफर
संक्रमित सुइयों को साझा करना
मां से गर्भ में पल रहे बच्चे को
असुरक्षित यौन संबंध बनाना
शरीर द्रव
एड्स के मरीज से यौन संबंध बनाना सुरक्षित नहीं
एड्स के मरीज के साथ सुरक्षित यौन संबंध बनाना भी खतरनाक हो सकता है। अगर कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो भी संक्रमण फैलने का खतरना होता है। क्योंकि कंडोम के फटने से द्रव ट्रांसफर होने के चांसेज बने रहते हैं। एड्स छूने से नहीं फैलता है, इसलिए एड्स के मरीज से भेदभाव नहीं करना चाहिए।
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