सार

conjunctivitis during pregnancy:कंजक्टिवाइटिस ने देशभर में कोहराम मचा रखा है। लगातार इसके केसेज सामने आ रहे हैं। गर्भवती महिलाएं भी इसकी शिकार हो रही हैं। आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में आंख का आना कितना खतरनाक हो सकता है।

हेल्थ डेस्क. दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे भारत में कंजक्टिवाइटिस (conjunctivitis) ने कोहराम मचा रखा है। अस्पतालों में कंजक्टिवाइटिस जिसे Eye Flu भी कहते हैं उसके मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके संक्रमण की तरह कोरोना वायरस के संक्रमण की तरह है। हालांकि इलाज मिलने पर यह बीमारी तुरंत दूर हो जाती है। लेकिन कभी-कभी स्थिति गंभीर भी हो जाती है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत पड़ती है। आइए जानते हैं प्रेग्नेंट महिलाओं पर कंजक्टिवाइटिस का जोखिम कितना होता है।

कंजक्टिवाइटिस के केस गर्भवती महिलाओं में भी बढ़ रहे हैं। सवाल यह है कि यह गर्भवती महिलाओं के लिए कितना खतरनाक है। हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि प्रेग्नेंट महिलाओं को अगर कंजक्टिवाइटिस हो जाता है तो भी घबराने की जरूरत नहीं हैं। सही इलाज मिलने पर यह एक सप्ताह के अंदर ठीक हो जाता है। लेकिन कई बार लापरवाही की वजह से आंखों की रोशनी तक जा सकती है। इसलिए गर्भवती महिलाओं को अगर कंजक्टिवाइटिस हो जाए तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस होने के लक्षण (symptoms of Conjunctivitis during Pregnancy)

गर्भावस्था में कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण आम व्यक्ति में दिखने वाले लक्षण जैसे ही होते हैं। लेकिन इन लक्षणों की वजह से प्रेग्नेंट महिलाओं को ज्यादा तकलीफ से गुजरना पड़ता है।

-आंखों का लाल हो जाना।

-आंखों में खुजली होने की समस्या होना।

-आंखों में कुछ चुभना।

-आंखों में जलन होना।

-आंखों पर किसी भी तेज प्रकाश का पड़ने से दिक्कत महसूस करना।

-आंखों में सूजन आ जाना

-आंखों में दर्द हो जाना

-सुबह उठकर पलकों पर पपड़ी जमा महसूस करना।

-आंखों से पानी आना।

-बिना कारण आंखों से आंसू आना।

प्रेगनेंसी के दौरान आंखों में कंजंक्टिवाइटिस होने के कारण

1. कुछ ऐसे वायरस होते हैं जिसकी चपेट में अगर गर्भवती महिलाएं आ जाएं तो कंजंक्टिवाइटिस हो सकता ।

2.अगर प्रेग्नेंट महिला किसी ऐसे इंसान के संपर्क में आ जाए जिसका आंख आया है तो उसे भी यह बीमारी हो सकती है।

3.गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाएं यौन संचारित रोग क्लैमाइडिया ट्रेकोमैटिस (chlamydia bacteria infection) की चपेट में आ जाते हैं। इस दौरान भी उन्हें कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।

4.अगर महिला कोई अस्थमा या किसी तरह की एलर्जी से लंबे वक्त से परेशान है तो उसे वर्नल किरैटो कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।

कंजंक्टिवाइटिस का ट्रीटमेंट

अगर प्रेग्नेंट महिला को कंजंक्टिवाइटिस हो जाए तो बिना डॉक्टर के दिखाएं कोई घरेलू उपाय या फिर आई ड्रॉप नहीं डालने चाहिए। सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान कंजंक्टिवाइटिस से कैसे बचें

1.घर से बाहर निकलते वक्त गर्भवती महिलाओं को काला चश्मा लगाना चाहिए।

2. लंबे वक्त तक कॉन्टैक्ट लेंस का प्रयोग ना करें।

3. कंजंक्टिवाइटिस पीड़ित व्यक्ति से दूर रहें।

4. बार-बार हाथों को साफ करें।

5. आंखों को बार-बार छूएं नहीं।

6. आंखों को ठंडे पानी से समय-समय पर धोती रहें।

7. आंखों को पूछने के लिए हाथों की बजाय किसी साफ कपड़े का इस्तेमाल करें।

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