- Home
- Lifestyle
- Health
- एबॉर्शन के बाद दोबारा कंसीव करना कितना बड़ा रिस्क,डॉक्टर का जवाब दूर कर देगा आपकी टेंशन !
एबॉर्शन के बाद दोबारा कंसीव करना कितना बड़ा रिस्क,डॉक्टर का जवाब दूर कर देगा आपकी टेंशन !
हेल्थ डेस्क. करियर प्रभावित न हो इसलिए एबॉर्शन करवाने का प्लान है। पर डर है कि अगर दोबारा प्रेग्नेंट न हो पाई तो क्या होगा ? काम-काजी महिलाओं के बीच एबॉर्शन को लेकर ऐसा डर कॉमन है। तो क्या वाकई एबॉर्शन करवाना इतना खतरनाक है?
| Published : Feb 26 2023, 02:32 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
एबॉर्शन कितनी बड़ी टेंशन
कॉलेज की पढ़ाई के बाद हर लड़की चाहती है कि वो अपना मनपसंद करियर चुने। जो दिल से कोशिश करती हैं उन्हें कामयाबी मिलती भी है। लेकिन करियर की शुरुआत में ही अगर प्रेग्नेंसी की चुनौती सामने आ जाए तो वो सोच में पड़ जाती हैं कि क्या करें? ज्यादातर महिलाओं को ऐसा लगता है कि अगर उसने एबॉर्शन करवा लिया तो शायद दोबारा कंसीव करना मुश्किल हो जाएगा। इसी डर की वजह से कई महिलाएं न चाहते हुए भी समय से पहले मां बन जाती हैं और उनका फलता-फूलता करियर पीछे छूट जाता है। इतना ही नहीं जिन महिलाओं को मिसकैरेज का सामना करना पड़ता है उन्हें भी दोबारा कंसीव करने को लेकर चिंता लगी रहती है। सवाल है कि क्या वाकई एबॉर्शन इतनी बड़ी टेंशन है?
डॉक्टर का जवाब दूर करेगा टेंशन
इस बारे में डॉक्टरों की राय अलग-अलग है लेकिन ज्यादातर डॉक्टर यही मानते हैं कि एबॉर्शन करवाने या मिसकैरेज होने से दोबारा मां बनने की क्षमता पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
गायनेकोलॉजिस्ट का क्या है कहना
हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजिस्ट भी गर्भपात को खतरा नहीं मानतीं। मीडिया से बातचीत में सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर रोलिका केशरी ने बताया कि एबॉर्शन एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे महिला के दोबारा प्रेग्नेंट होने की क्षमता प्रभावित नहीं होती। डॉ. केशरी का ये भी मानना है कि एबॉर्शन करवाने से भविष्य में प्रेग्नेंसी को लेकर किसी तरह की कोई नई समस्या भी नहीं होती।
दोबारा मां बनने के लिए सेफ एबॉर्शन जरूरी
ज्यादातर डॉक्टर एबॉर्शन को कोई खतरा नहीं मानते। बावजूद इसके गर्भपात के दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है। डॉक्टर रोलिका की मानें तो कुछेक अपवाद मामलों में ही ऐसा होता है जब एबॉर्शन के बाद कंसीव करने में मुश्किल हो सकती है। ऐसा तभी होता है जब सर्जिकल एबॉर्शन के दौरान गर्भाशय की परत को कोई नुकसान हुआ हो। इसे एशरमैन सिंड्रोम कहते हैं जो काफी रेयर होता है। लेकिन इसका भी इलाज संभव है। इसके लिए एक सर्जरी होती है जिसके जरिये डॉक्टर गर्भाशय से वो सेल हटा देते हैं जिन्हें नुकसान पहुंचा हो।
इंफेक्शन से बचाव भी है बेहद जरूरी
एबॉर्शन के दौरान ये ख्याल भी रखना होगा कि कोई इंफेक्शन न हो। कई बार ऐसा होता है कि सर्जरी के बाद कोई इंफेक्शन हो जाता है। अगर वक्त रहते उसका इलाज न किया जाए तो संक्रमण फैल सकता है और दोबारा कंसीव करना जोखिम भरा हो सकता है। ये इंफेक्शन फैलोपियन ट्यूब तक पहुंच जाए तो बांझपन का खतरा भी हो सकता है। इसीलिए ज्यादातर मामलों में डॉक्टर एबॉर्शन से पहले एंटीबायोटिक्स देते हैं ताकि इंफेक्शन न हो। अगर एबॉर्शन के बाद तेज दर्द या बुखार हो या लिक्विड डिस्चार्ज हो तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें।
और पढ़ें:
ये 4 लक्षण बताते हैं कि आप ओरल कैंसर के हो चुके हैं शिकार, जानें कैसे करें बचाव
बांस को करें डाइट में शामिल, तेजी से कम होगा वजन, मिलेंगे ये 5 हेल्थ से जुड़े फायदे