Cured Diabetes Naturally: भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। हार्ट स्पेशलिस्ट के दोस्त ने नैचुरल तरीकों से डायबिटीज को रिवर्स किया। जानें कैसे वजन घटाकर, रोजाना वॉक कर ब्लड शुगर लेवल को सामान्य किया जा सकता है।
भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। बीमार के कारण शरीर धीरे धीरे कमजोर होने लगता है। डायबिटीज के कारण शरीर में अधिक मात्रा में शुगर जमा होने लगता है। इस कारण से हार्ट, आंखों के साथ ही तंत्रिका तंत्र पर बुरा असर पड़ता है। वैसे तो डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इंसुलिन कम होने पर अलग से इंसुलिन लेना पड़ता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हार्ट स्पेशलिस्ट के दोस्त ने नैचुरली डायबिटीज को रिवर्स किया। डायबिटीज रिवर्स करने के लिए उन्होंने कुछ सिंपल तरीके अपनाए। जानिए आखिर किन नैचुरल तरीकों का उपयोग करके डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद मिली।
नैचुरली डायबिटीज रिवर्स करने के तरीके
हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर शैलेश सिंह कहते हैं कि उनके दोस्त ने कुछ नैचुरली तरीकों से आसानी से डायबिटीज रिवर्स किया। डायबिटीज रिवर्स करने का मतलब ब्लड में शुगर के लेवल को सामान्य करना है। बिना दवा के डायबिटीज को रिवर्स करने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना बेहद जरूरी है। डॉक्टर के दोस्त ने कुछ बातों का ध्यान रख मधुमेह की बीमारी से छुटकारा पाया।
- 20 किलो वजन कम करना
- प्रतिदिन 10 किमी चलना
- 8 घंटे सोना
- प्रतिदिन 1 घंटा व्यायाम करें
- शराब छोड़ना
स्टडी में टाइप 2 डायबिटीज संबंधी जरूरी बातें
द लैंसेट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 46% प्रतिभागियों ने कम कैलोरी के खाने और लाइफस्टाइल में बदलाव कर मात्र 1 साल के अंदर टाइप 2 डायबिटीज से मुक्ति पा ली। स्टडी में ये बात सामने आई कि वेट लॉस करने से इंसुलिन इंसेंसिटीविटी में सुधार होता है, जो टाइप 2 डायबिटीज को कम करने का काम करता है।
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डायबिटीज को दूर भगाती हैं 3 चीजें
- एनआईएच स्टडी से ये बात पता चलती है कि 10 से 20 मिनट तक रोजाना वॉक करने से ग्लूकोज के लेवल में कमी आती है और डायहबिटीज का खतरा भी कम हो जाता है।
- साइंस डायरेक्टर के टेस्ट से पता चलता है कि वेट लॉस के बाद डायबिटीज में सुधार होता है। साथ ही कम कैलोरी वाला खाना खाने से मधुमेह के खतरे को कम करने में मदद मिलती है।
- पबमेड सेंट्रल के रिसर्च के अनुसार नींद की गुणवत्ता ठीक होने पर मेटाबॉलिज्म पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। साथ ही शरीर की क्रियाएं बेहतर ढंग से काम करती हैं।
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