सार
हीट स्ट्रोक यानी लू गर्मी से संबंधित बीमारी का एक गंभीर रूप है। इसे तत्काल पहचाने की जरूरत होती है। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, स्वास्थ्य मंत्रालय लू से बचाव के लिए सुझाव दे रहा है। आइए जानते हैं लू में कैसे खुद को करें बचाव।
हेल्थ डेस्क.देश में गर्मी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। हीट स्ट्रोक यानी लू गर्मी से संबंधित बीमारी का एक गंभीर रूप है। कई बार लू लगने से इंसान के जान पर भी बन आता है। इसलिए इसे तुरंत पहचाना जरूरी हो जाता है। लू लगने के लक्षण की बात करें तो शरीर का तापमान अगर (104°F/40°C से ऊपर) गर्म है और ड्राई स्किन (कोई पसीना नहीं) जैसी स्थिति नजर आती है। इसके अलावा तेज़ नाड़ी, धड़कते सिरदर्द, चक्कर आना, मतली, भ्रम और बेहोशी शामिल हैं। व्यक्तियों को मांसपेशियों में ऐंठन और कमजोरी का भी अनुभव हो सकता है।
बढ़ती गर्मी को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय नियमित रूप से लू के दौरान सुरक्षित रहने के लिए अपडेट और सुझाव जारी करता रहा है। भीषण गर्मी और लू से बचने के लिए सबसे सुरक्षित चीजों में शामिल है खुद को ठंडा और हाइड्रेटेड रखना। खासकर तब जब आप इस मौसम में बाहर निकलकर काम करते हैं। आइए जानते हैं लू से खुद को कैसे सुरक्षित रखें।
लू से कैसे बचाएं खुद को और अपनों को
-पूरे दिन खूब पानी पिएं, भले ही आपको प्यास न लग रही हो।
-कैफीन और अल्कोहल के अत्यधिक सेवन से बचें, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन को बढ़ा देता है।
- वातानुकूलित वातावरण की तलाश करें या हवा प्रसारित करने के लिए पंखे का उपयोग करें।
-हल्के, ढीले-ढाले कपड़े पहनें और बाहर जाते समय छाया में रहें।
-दिन के सबसे गर्म हिस्सों के दौरान ज़ोरदार गतिविधियों से बचें। यदि आपको शारीरिक परिश्रम करना ही है, तो छायादार या ठंडे क्षेत्रों में बार-बार ब्रेक लें।
-सूरज की किरणों से खुद को बचाने के लिए सनस्क्रीन, धूप का चश्मा और चौड़ी किनारी वाली टोपी पहनें। अतिरिक्त छाया के लिए छाते या शामियाना का प्रयोग करें।
-बच्चों, बुजुर्गों और पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों पर नज़र रखें, क्योंकि वे गर्मी से संबंधित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।
हीट स्ट्रोक किसी को होने पर क्या करना चाहिए
अगर हीट स्ट्रोक का संदेह होता तो तुरंत व्यक्ति को ठंडे, छायादार क्षेत्र में ले जाएं। उसके कपड़े ढीले कर दें और त्वचा पर ठंडा पानी या आइस पैक लगाएं। होश में होने पर पानी पीने के लिए दें। लेकिन अगर वो बेहोश है तो पानी पीने के लिए नहीं दें, बल्कि बिना देर किए इमरजेंसी मेडिकल सहायता लें। हीट स्ट्रोक एक मेडिकल इमरजेंसी सिचुएशन है जिसका अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
पुरानी बीमारी वाले लोग रहें सावधान
पुरानी बीमारियों वाले मरीजों को अपने दवा शेड्यूल का पालन करना चाहिए, बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और गर्मी से संबंधित लक्षणों का अनुभव होने पर मेडिकल सलाह लेनी चाहिए।
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