सार
Sunscreen side effects and benefits: सनस्क्रीन के फायदे और संभावित दुष्प्रभाव जानें। त्वचा की सुरक्षा के लिए सही सनस्क्रीन चुनें और जानें इसे इस्तेमाल करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
हेल्थ डेस्क: सूर्य से आने वाली खतरनाक किरणों से त्वचा को बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल किया जाता है। त्वचा की प्रोटेक्शन के लिए सनस्क्रीन का ज्यादातर लोग उपयोग करते हैं। यहां तक की बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज भी मेकअप करने से पहले सनस्क्रीन जरूर लगाते हैं। सनस्क्रीन का गलत चुनाव कई बार आपको नुकसान पहुंचा सकता है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से त्वचा को एक नहीं बल्कि बहुत से फायदे मिलते हैं लेकिन इससे कुछ साइड इफेक्ट्स भी जुड़े हैं। आईए जानते हैं एक्सपर्ट से कि सनस्क्रीन के दुष्प्रभाव क्या हो सकतें है।
सनसक्रीन के साइड इफेक्ट्स
यूवी एक्पोजर से त्वचा बर्न होने लगती है और काले निशान पड़ जाते हैं। यूवी रेज त्वचा कैंसर का भी कारण बन सकता है। सनस्क्रीन का इस्तेमाल काफी हद तक यूवी प्रोटक्शन प्रोवाइड करता है। टाइम्स नाऊ को दिए इंटरव्यू में कंसल्टेंट डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ रुबेन पासी कहते हैं कि सनस्क्रीन के कुछ दुष्प्रभाव भी लोगों को पता होने चाहिए।
1.स्किन इरिटेशन और एलर्जी
सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों को त्वचा में एलर्जी के लक्षण दिखने लगते हैं। ऐसा सनस्क्रीन में पाए जाने वाले इंग्रिडिएंट ऑक्सीबेंजोन के कारण हो सकता है। वहीं जिन लोगों को स्किन सेंसिटिव होती है उन्हें भी सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से त्वचा में लालिमा, खुजली हो सकती है। अगर आपके साथ ऐसा होता है तो आपको डॉक्टर से कंसल्ट करने के बाद ही सनस्क्रीन इस्तेमाल करनी चाहिए।
2. हॉर्मोनल इंबैलेंस
सनस्क्रीन त्वचा में लगाने के बाद ही ये अवशोषित हो जाती है। साथ ही ब्लड स्ट्रीम में मिलकर हॉर्मोनल और असंतुलन भी पैदा कर सकती है। हालांकि इस बारे में अभी रिसर्च की जरूरत है।
3. आन्तरिक त्वचा को नुकसान
फिजिकल सनस्क्रीन में जिंक ऑक्साइड और टाइटेनियम डाइऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। क्रीम में नैनो पार्टिकल मौजूद होते हैं जो त्वचा की आंतरिक सेलुलर डैमेज का कारण बन सकते हैं।
4. हेयर फॉलिकल में पस
सनस्क्रीन का इस्तेमाल लगातार या लंबे समय तक करने से कुछ लोगों की हेयर फॉलिकल में पस पड़ने जैसी समस्या हो जाती है। अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आपको सनस्क्रीन का इस्तेमाल बंद करके तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
5. सनस्क्रीन से एक्ने
सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन कुछ लोगों को सनस्क्रीन लगाने से एक्ने की समस्या हो जाती है। हार्मोनल इंबैलेंस के कारण ज्यादातर मुहांसे होते है। कभी-कभी सनस्क्रीन इंग्रीडिएंट्स भी एक्ने का कारण बन जाते हैं।
सनस्क्रीन लगाते समय सावधानियां
- सनस्क्रीन का चुनाव करते वक्त SPF का खास तौर पर ध्यान रखें। आप 30 से 50 सीपीएफ वाली सनस्क्रीन चुन सकते हैं।
- जिन लोगों को पसीना अधिक आता है उन्हें दिन में दो से तीन बार सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।
- अगर आप तैराकी करने से पहले सनस्क्रीन लगा रहे हैं तो तैराकी के बाद दोबारा सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।
- बाहर जाते वक्त आपके शरीर का जो भी हिस्सा खुला हुआ है उसमें सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करें ताकि यूवी रेज से प्रोटक्शन मिले।
- सनस्क्रीन लगाने के बाद अगर त्वचा में खुजली, लालिमा आदि समस्या दिखती है तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल बंद कर दें और डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लें।
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