सार
विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो कैंसर के मामलों में सबसे ज्यादा मरीज ब्रेस्ट कैंसर के होते हैं। साल 2020 में 23 लाख महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का पता चला। ब्रेस्ट कैंसर के गंभीरता को देखते हुए एक यूनिक ब्रा तैयार किया गया है।
हेल्थ डेस्क. ब्रेस्ट कैंसर दुनिया भर में एक गंभीर रूप ले चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो साल 2020 में करीब 6 लाख 85 हजार महिलाओं की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हो गई। वहीं 23 लाख महिलाएं इस बीमारी से पीड़ित थीं। वक्त पर इस बीमारी का पता नहीं चलना लोगों को मौत के मुंह में धकेल देता है। अब जरा सोचिए कि अगर आपको काम-काम करते आपके अंदर पल रही इस खतरनाक बीमारी के बारे में एक ब्रा के जरिए पता चल जाए तो। तुर्की के एक वैज्ञानिक ने एक ऐसे ब्रा को डिजाइन किया है जो ब्रेस्ट में ट्यूमर्स का पता लगा सकता है।
तुर्की की वैज्ञानिक ने तैयार किया यूनिक ब्रा
तुर्की की वैज्ञानिक डॉक्टर जानान दादेविरेन ने मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नॉलजी (MIT) की मीडिया लैब में इस ब्रा को डिजाइन किया है। उनके मन में इस तरह का ब्रा डिजाइन करने का ख्याल अपनी आंटी को देखकर हुआ। जिनकी मौत ब्रेस्ट कैंसर की वजह से हो गई थी। उनका कहना है कि उनकी आंटी रेगुलर रुटीन चेकअप कराती थी, लेकिन एक दिन उन्हें पता चला कि वो गंभीर ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ गई है। जिसकी वजह से उनकी मौत हो गई। जिसके बाद उन्हें यह उपकरण बनाने का ख्याल आया।
कैसा है ब्रा का डिजाइन
ब्रा में मधुमक्खी के छत्ते के आकार जैसा छह खांचे बनाए गए हैं, जिनमें एक छोटा सा अल्ट्रासाउंड कैमरा जोड़ा जा सकता है। बिना अल्ट्रासाउंड जेल का इस्तेमाल किए इस कैमरे को अलग-अलग खांचों में रखकर हर तरफ़ से ब्रेस्ट की जांच की जा सकती है। जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होने का ज्यादा खतरा है उन्हें बार-बार मैमोग्राम कराने की सलाह दी जाता ही। यह ब्रा उनके लिए मददगार हो सकता है। महिलाएं दो मैमोग्राम के बीच भी ब्रेस्ट कैंसर की मॉनीटरिंग कर सकती हैं।
ब्रा ब्रेस्ट में हो रहे असामान्य स्थितियों का पता लगा सकता है
डॉक्ट दादेविरेन की मानें तो यह ब्रा 0.3 सेंटीमीटर की छोटी गांठों का भी पता लगा सकता है। ट्यूमर्स की शुरुआत इतने छोटे से ही होता है। उनका कहना है कि यह ब्रा ब्रेस्ट में हो रहे असामान्य स्थितियों को पता लगाने में बहुत सटीक है। हालांकि अगर इस ब्रा के जरिए कोई असामान्य गतिविधियों का पता चलता है तो भी मैमोग्राम करना होगा।
कितनी है ब्रा की कीमत
एमआईटी की टीम को इस उपकरण को बनाने में करीब साढ़े छह साल लगें। अगस्त 2023 में अमेरिका में पेटेंट मिला और अभी इंसानों पर टेस्ट किया जा रहा है। एक उपकरण की क़ीमत 1000 डॉलर (क़रीब 83 हज़ार रुपये) होगी। लेकिन जब इसका प्रोडक्शन बढ़ेगा तो कीमत कम हो जाएगी। लेकिन ऐसा होने में अभी करीब 5 साल का वक्त लगेगा। इस उपकरण को शुरू में उन महिलाओं को दिया जा सकता है जिन्हें ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम ज्यादा है।
और पढ़ें:
भारत में गर्भपात का MTP कानून क्या हैं? एक महिला के अबॉर्शन पर क्यों छिड़ी बहस?
कौन थी 26 साल की Sherika De Armas? जिसकी Cervical Cancer से हुई मौत, जानें इस बीमारी के लक्षण