सार

Nipah virus Symptoms: निपाह वायरस संक्रमण मूल रूप से एक जूनोटिक बीमारी है और यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। तेजी से फैल रहे इस वायरस के हम आपको बता रहे हैं सबसे बड़े लक्षण।

हेल्थ डेस्क: केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस(Nipah virus) से दो लोगों की मौत हो गई है, साथ ही राज्य में एक 9 साल के लड़के सहित 2 और मरीज मिले हैं। इन्हीं आंकड़ों के साथ लोगों में इस वायरस को लेकर डर बैठना शुरू हो गया है। निपाह वायरस संक्रमण मूल रूप से एक जूनोटिक बीमारी है और यह जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है। इसके अलावा यह दूषित भोजन या संपर्क के माध्यम से भी फैल सकता है।केरल स्वास्थ्य विभाग ने निपाह वायरस संक्रमण को लेकर राज्य में अलर्ट जारी किया है। तेजी से फैल रहे इस वायरस के हम आपको बता रहे हैं सबसे बड़े लक्षण। 

Nipah virus Symptoms: निपाह वायरस के लक्षण क्या हैं? 

  • लगातार बुखार आना
  • तेज सिरदर्द होना
  • तीव्र श्वसन संक्रमण
  • मांसपेशियों में दर्द और उल्टी 
  • उनींदापन या भ्रम 
  • बेहोशी व कोमा 
  • मस्तिष्क में सूजन 

What is Nipah virus: निपाह वायरस क्या है? 

निपाह वायरस एक ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों और लोगों के बीच फैल सकता है। यह चमगादड़ जनित वायरस है। यह सूअरों में भी बीमारी का कारण बनता है। NiV एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क की सूजन) से जुड़ा है जो हल्की से गंभीर बीमारी और यहां तक कि मृत्यु का कारण बन सकता है। यह पहली बार 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में सूअरों और लोगों में बीमारी फैलने के बाद खोजा गया था, जिसके परिणामस्वरूप 300 मामले और 100 मौतें हुईं।

How Nipah Virus Spread: निपाह वायरस कैसे फैलता है? 

संक्रमित फल चमगादड़ लोगों या जानवरों, जैसे सूअरों में बीमारी फैला सकते हैं। जो लोग किसी संक्रमित जानवर या उसके शरीर के तरल पदार्थ (जैसे लार या मूत्र) के निकट संपर्क में आते हैं वे संक्रमित हो सकते हैं। एक जानवर से मनुष्य तक इस प्रारंभिक प्रसार को स्पिलओवर इवेंट कहा जाता है।

निपाह वायरस को कैसे रोका जा सकता है?

जिन क्षेत्रों में वायरस मौजूद है, वहां बीमार सूअरों और चमगादड़ों के संपर्क में आने से बचकर इसे रोका जा सकता है। इसके अलावा इन बातों का रखें खास ध्यान- 

  1. नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं। 
  2. बीमार सूअरों या चमगादड़ों से दूर रहें। 
  3. उन स्थानों पर जाने से बचें जहां चमगादड़ों का निवास माना जाता है। 
  4. ऐसे उत्पादों को खाने या खाने से बचें जो चमगादड़ द्वारा दूषित हो सकते हैं। 
  5. ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें। जिसे NiV वायरस होने का पता चला हो।

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