सार

Sunita Williams return: 10 महीने स्पेस में रहने के बाद लौटने वाली सुनीता विलियम्स का नासा करेगा 45 दिन का रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम। जानिए मेडिकल टेस्ट और मेंटल हेल्थ चेकअप की पूरी डिटेल।

Sunita Williams medical test : भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स के साथ ही बुच विल्मोर करीब 10 महीने स्पेस में रहने के बाद सुरक्षित पृथ्वी में वापस लौट आए हैं। एस्ट्रॉनॉट्स 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा पहुंचे। स्पेस स्टेशन से पृथ्वी में पहुंचने में करीब 17 घंटे का समय लगा। कैप्सूल से बाहर निकलते समय सुनीता विलियम्स हाथ हिलाते हुए काफी खुश नजर आईं। लेकिन सुनीता विलियम्स खुद के पैरों में खड़े होने के लिए फिलहाल सक्षम नहीं हैं। जानिए स्पेस से आने के बाद सुनीता विलियम्स को किन समस्याओं के साथ जांच का सामना करना पड़ेगा।

नासा का 45 दिनों का रिहेबिलेशन प्रोग्राम (Rehabilitation Program)

धरती पर वापस आने के बाद भी सुनीता विलियम्स का स्ट्रगल अभी खत्म नहीं हुआ है। नासा द्वारा डिजाइन किया हुआ 45 दिन का रिहैबिलेशन प्रोग्राम इन एस्ट्रोनॉट्स के लिए खास तौर पर बनाया गया है। प्रोग्राम के अंतर्गत बॉडी को पूरी तरह से चेक किया जाता है। अर्थ के ग्रेविटेशनल एरिया में आने के बाद बॉडी में विभिन्न प्रकार के परिवर्तन होते हैं। स्पेस से पृथ्वी आने पर एस्ट्रोनॉट्स के शरीर में माइक्रोग ग्रेविटी के साथी फिजिकल चेंज को चेक करने के लिए रिहैबिलिटेशन प्रोगाम ऑर्गेनाइज्ड किया गया है। इसमें निम्नलिखित जांच या परिक्षण किए जाते हैं। 

  1. रेगुलर मेडिकल चेकअप: रिहेबिलेशन प्रोग्राम के दौरान एस्ट्रोनॉट्स का रेगुलर मेडिकल चेकअप किया जाताएगा। जांच में हार्ट फंक्शन के साथ ही विजन, न्यूरोलॉजिक रिस्पॉन्स के साथ ही शारीरिक जांच की जाती हैं।
  2. फिजियोलॉजिकल चेकअप: जांच के दौरान सुनीता विलियम्स का मेंटल चेकअप किया जाएगा। लंबे समय से स्पेस में रहने के दौरान मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ता है। नासा सुनिश्चित करने के लिए जांच करेगा कि मिशन के बाद विलियम मेंटल और इमोशनल रूप से हेल्दी है या फिर नहीं।
  3. बोंस डेंसिटी एसेसमेंट: स्पेस में बोंस में करीब 1% से 1.5% मिनिरल डेंसिटी की कमी आती है। इस कारण से हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है। सुनीता विलियम्स का बोंस डेंसिटी एसेसमेंट करने के बाद उन्हें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग दी जाएगी।