Side Effects of Mold: बारिश का मौसम हो या फिर लंबे समय से नमी के कारण फफूंदी का होना आम बात है। ये दिखने में ही नहीं सेहत के लिए भी बहुत खराब और हेल्थ रिस्क से भरा हुआ है। अगर आपके घर में भी फफूंदी है तो इसके हेल्थ रिस्क को जरूर जाने।
Mold Health Effects: घर की दीवारों, बाथरूम, कपड़े, फर्नीचर, किचन या किसी भी नमी वाली जगह पर जमी हुई फफूंदी सिर्फ देखने में ही गंदी और बदसूरत नहीं लगती, बल्कि यह सेहत के लिए भी हानिकारक हो सकती है। हवा में फैले इसके छोटे-छोटे स्पोर्स सांस के माध्यम से शरीर में घुस जाता है और धीरे-धीरे अलग-अलग तरह की बीमारियां और दिक्कत पैदा करता है। खासकर उन लोगों के लिए यह और भी खतरनाक है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है, जिन्हें एलर्जी या अस्थमा की समस्या है।
सांस संबंधी समस्याएं
फफूंदी से निकलने वाले स्पोर्स सांस के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंचकर खांसी, सीने में जकड़न, सांस फूलना और अस्थमा का अटैक कर सकते हैं। कई रिसर्च में यह पाया गया है कि लंबे समय तक फफूंदी वाली जगह पर रहने से क्रॉनिक रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम हो सकती हैं।
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एलर्जी और स्किन इरिटेशन
फफूंदी एलर्जिक रिएक्शन का बड़ा कारण है। इससे नाक बहना, छींक आना, आंखों में पानी आना और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं। कई बार यह त्वचा पर दाने, एक्ने या खुजली हो सकती है। जिन लोगों को पहले से ही एलर्जी की प्रॉब्लम है, उनके लिए फफूंदी वाली जगह पर रहना बेहद हानिकारक हो सकता है।
इम्यून सिस्टम पर असर

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर फफूंदी का असर और भी खतरनाक हो सकता है। HIV/AIDS, कैंसर या किसी लंबी बीमारी से जूझ रहे लोगों में फफूंदी के इंफेक्शन से स्थिति और गंभीर हो सकती है। यहां तक कि कभी-कभी यह इंफेक्शन खून में फैलकर जानलेवा भी हो सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरा
फफूंदी का सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है। बच्चों में यह सांस से जुड़ी बीमारियों को बढ़ा सकती है, वहीं बुजुर्गों में पहले से मौजूद हेल्थ कंडीशन को और खराब कर सकती है। यही वजह है कि इन दोनों उम्र के लोगों को फफूंदी से दूर रखना बेहद जरूरी है।
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मानसिक और न्यूरोलॉजिकल इफेक्ट
कम ही सही, लेकिन कुछ मामलों में फफूंदी का असर दिमाग पर भी देखा गया है। लंबे समय तक एक्सपोजर से सिरदर्द, थकान, चिड़चिड़ापन और फोकस करने में परेशानी हो सकती है। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि फफूंदी से बने टॉक्सिन्स (Mycotoxins) न्यूरोलॉजिकल हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं।
