सार

विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है और एचआईवी/एड्स से निपटने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की एक अहम याद के रूप में काम करता है।

 

हेल्थ डेस्क.विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day 2023) जागरुकता बढ़ाने, प्रभावित लोगों का समर्थन करने, रोकथाम और उचित स्वास्थ्य देखभाल और ट्रीटमेंट तक पहुंच के माध्यम से एचआईवी फ्री जनरेशन पाने की दिशा में प्रयास करना शामिल है। एड्स (Acquired Immunodeficiency Syndrome) बीमारी को खत्म करने के मकसद से 1 दिसंबर को एड्स डे पूरी दुनिया में यह मनाया जाता है। विश्व एड्स दिवस के बारे में कुछ रोचक तथ्य इस प्रकार हैं।

एड्स डे की शुरुआत (History of Aids)

विश्व एड्स दिवस पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ओर से मनाया गया। एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महामारी के सामने अंतरराष्ट्रीय एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए इसे सेलिब्रेट किया गया।

लाल रिबन प्रतीक

लाल रिबन एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन और एकजुटता का सार्वभौमिक प्रतीक बन गया है। इसे 1991 में न्यूयॉर्क में कलाकारों के एक समूह द्वारा बीमारी से प्रभावित लोगों के लिए जागरूकता और करुणा के प्रतीक के रूप में बनाया गया था।रेड रिबन का मतलब है , 'चिंता और सहानुभूति'। एचआईवी और एड्स के बारे में, इससे ग्रस्त लोगों के बारे में, मरीजों के बारे में, मृत व्यक्तियो के बारे में और उन लोगों के बारे में जो सीधे तौर पर एड्स पेशेंट की देखभाल करते हैं और सहारा देते हैं। रेड रिबन का एक आशा का प्रतीक है जोयह बताता है कि एक दिन एड्स के वैक्सीन और शर्तिया इलाज खोज लिया जाएगा।

एड्स डे का महत्व

विश्व एड्स दिवस दुनिया भर में मनाया जाता है और यह लोगों के लिए एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। समुदाय, संगठन, सरकारें और व्यक्ति जागरूकता बढ़ाने, एचआईवी/एड्स से पीड़ित लोगों के लिए समर्थन दिखाने और एड्स से संबंधित बीमारियों से मरने वालों को याद करने के लिए एक साथ आते हैं।

इस साल का थीम

हर साल विश्व एड्स दिवस का एक खास थीम होती है। जो एचआईवी/एड्स की रोकथाम, उपचार और सहायता के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित होती है। इस साल का थीम 'समुदायों को नेतृ्त्व करने दें'(LET COMMUNITIES LEAD!) है।

एचआईवी/एड्स वैश्विक हेल्थ चुनौती

एचआईवी/एड्स की रोकथाम और उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, यह बीमारी एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। यूएनएड्स के अनुसार, 2021 तक वैश्विक स्तर पर लगभग 37.7 मिलियन लोग एचआईवी से पीड़ित थे।जिनमें से लाखों लोगों को अभी भी उपचार, देखभाल और सहायता की आवश्यकता है।

एचआईवी/एड्स को लेकर प्रगति और चुनौतियां

पिछले कुछ सालों में एचआईवी/एड्स के ट्रीटमेंट और रोकथाम में अहम प्रगति हुई है। जिसमें एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी (एआरटी) का विकास भी शामिल है, जिसने एचआईवी से पीड़ित लोगों के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार किया है। हालांकि, महामारी से प्रभावी ढंग से निपटने में कलंक, भेदभाव और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच चुनौतियां बनी हुई हैं।

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