सार
तनाव यह न जानने का परिणाम है कि अपने शरीर, मन, भावनाओं और ऊर्जा को प्रभावी ढंग से कैसे मैनेज किया जाए। सद्गुरु कहते हैं, तनाव किसी के काम की प्रकृति या जीवन स्थितियों से नहीं बल्कि उसकी आंतरिक स्थिति को प्रबंधित करने की क्षमता से निर्धारित होता है।
हेल्थ डेस्क. हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day 2023) के तौर पर मनाया जाता है। इसका मकसद लोगों को मेंटल हेल्थ के महत्व पर जागरुक करना और इससे जुड़ी बीमारियों के बारे में जानकारी देना है। तो चलिए सद्गुरु कैसे मेंटल हेल्थ को लेकर जागरुक करते हैं वो बताते हैं, ताकि आप भी तनाव और डिप्रेशन से खुद को बाहर निकालने में खुद की मदद कर पाएं।
सद्गुरु कहते हैं कि जब मैं कुछ साल पहले पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका गया था, हर कोई स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में बात कर रहा था। मुझे वास्तव में यह समझ नहीं आया क्योंकि, मेरी समझ से, हम उन चीजों का प्रबंधन करते हैं जो हमारे लिए कीमती हैं, हमारा व्यवसाय, हमारा परिवार, हमारा पैसा, हमारी संपत्ति, हमारे बच्चे। कोई तनाव का प्रबंधन यानी स्ट्रेस मैनेजमेंट क्यों करेगा। मुझे यह समझने में थोड़ा समय लगा कि लोगों ने यह निष्कर्ष निकाला है कि तनाव उनके जीवन का एक हिस्सा है।
अपने आपको मैनेज करें, अपने तनाव को नहीं
सद्गुरु कहते हैं कि तनाव आपके जीवन का हिस्सा नहीं है। तनाव सिर्फ आपके अपने सिस्टम को मैनेज करने में असमर्थता है। तनाव आपके वर्क नेचर के कारण नहीं होता है। प्रधानमंत्री को तनाव की शिकायत है, चपरासी को भी तनाव की शिकायत है। इस बीच हर दूसरा शख्स कह रहा है कि उसकी नौकरी तनावपूर्ण है। जो लोग बेरोजगार हैं उनकी स्थिति भी तनावपूर्ण है। तो आप अपनी नौकरी से सफर कर रहे हैं। अगर मैं आपको नौकरी से निकाल दूं, तो क्या आप खुश होंगे?
नहीं, तो जाहिर तौर पर तनाव आपके काम को लेकर नहीं है, है ना? यह सिर्फ इतना है कि आप नहीं जानते कि अपने शरीर, अपने दिमाग, अपनी भावनाओं, अपनी ऊर्जा, अपनी केमेस्ट्री को कैसे मैनेज किया जाए। आप नहीं जानते हैं कि किसी भी चीज को कैसे मैनेज किया जा सकात है। इसलिए जो भी चीज आप करते हैं वो तनावपूर्ण है।
सिस्टम को मैनेज करना नहीं आता
सद्गगुरु आगे कहते हैं कि यदि आप ऐसी कार में बैठते हैं जहां स्टीयरिंग व्हील को एक तरफ घुमाने पर कार विपरीत दिशा में चली जाती है, तो आप तनावग्रस्त हो जाएंगे। है ना? अभी आप भी इसी प्रकार का मैकेनिज्म को चला रहे हैं। इसके बारे में कुछ भी समझे बिना, बस संयोगवश, आप जीवन भर गलतियां कर रहे हैं, इसलिए आप तनावग्रस्त रहेंगे। तनाव आपकी ओर से की जा रही एक्टिविटी की नेचर या जीवन स्थितियों के कारण नहीं है। तनाव सिर्फ इसलिए है क्योंकि आप नहीं जानते हैं कि अपने सिस्टम को कैसे कैसे मैनेज किया जाए। जो बात किसी एक शख्स के लिए स्ट्रेसफुल होती है वो कोई दूसरा उस पर हावी हो जाता है। इसलिए तनाव केवल इंटरनल कंडीशन को मैनेज करने की असमर्थता है। यह कोई बाहरी स्थिति नहीं है।
जब आप प्यार में होते हैं तो जीवन बदल जाता है
वो आगे कहते हैं कि हमारे जीवन की गुणवत्ता बदलती और परिवर्तित होती है, इसलिए नहीं कि हम अपने जीवन की चीजें बदल रही है। बल्कि केवल इसलिए कि हम अपने जीवन का कंटेक्स्ट बदलते हैं। अगर कोई खूबसूरत जिंदगी जी रहा है तो इसका मतलब यह नहीं कि वह कुछ अलग कर रहा है। जब वह सुबह उठते हैं तो शौच के लिए भी जाते हैं। वह अपने दांत भी साफ़ करता है। वह भी यही काम करता है। लेकिन किसी भी तरह, कंटेक्स्ट के कारण उनका जीवन जादुई और सुंदर है।ऐसा तब हो सकता है जब लोगों को किसी से प्यार हो गया हो। जब वे प्यार में पड़ जाते हैं, और सब कुछ अलग हो जाता है क्योंकि उनके जीवन का कंटेक्स्ट बदल गया है। लेकिन फिर, एक बार जब वे प्यार से बाहर हो जाते हैं, तो उनके जीवन का कंटेक्स्ट बदल जाता है और वे दुखी हो जाते हैं।
अपने जीवन की चीजों को अपनी इच्छानुसार बदलना संभव नहीं हो सकता है। क्योंकि आपको उन स्थितियों से अनुमति की आवश्यकता होती है जिनमें आप मौजूद हैं, लेकिन संदर्भ को बदलना कुछ ऐसा है जो आप जानबूझकर कर सकते हैं। आपको किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है। यह बिल्कुल भी कंडिशनल नहीं होता है। सद्गुरु एक स्टोरी सुनाते हैं...
तीन लोगों की एक कहानी लेकिन मनोदशा अलग-अलग
एक दिन, तीन आदमी एक जगह काम कर रहे थे। एक और आदमी आया और पहले आदमी से पूछा, 'तुम यहां क्या कर रहे हो?'उस आदमी ने ऊपर देखा और कहा, "क्या तुम अंधे हो? क्या तुम देख नहीं सकते कि मैं पत्थर काट रहा हूं?' यह व्यक्ति अगले आदमी के पास गया और पूछा, 'तुम यहां क्या कर रहे हो?' उस आदमी ने ऊपर देखा और कहा, 'मेरा पेट भरने के लिए कुछ। इसलिए मैं यहां आता हूं और जो भी वे मुझसे करने को कहते हैं वह करता हूं। मुझे बस अपना पेट भरना है, बस इतना ही।' वह तीसरे आदमी के पास गया और पूछा, 'तुम यहां क्या कर रहे हो?' वह आदमी बड़ी ख़ुशी से खड़ा हो गया और बोला, 'मैं यहां एक सुंदर मंदिर बनवा रहा हूं!' वे सभी एक ही काम कर रहे थे, लेकिन वे जो कर रहे थे उसका अनुभव बहुत अलग था।
हर इंसान अपने जीवन का प्रत्येक क्षण इन तीन संदर्भों में से किसी एक में वह जो कुछ भी कर रहा है वह कर सकता है और यह उसके जीवन की गुणवत्ता निर्धारित करेगा, न कि वह वास्तव में क्या कर रहा है। कोई गतिविधि कितनी सरल या जटिल है, इससे आपके जीवन की गुणवत्ता नहीं बदलती। आप इसे किस संदर्भ में करते हैं, इससे आपके जीवन की गुणवत्ता बदल जाती है।
अगर आप परिस्थियों को संभालने की क्षमता रखते हैं तो फिर तनावमुक्त रहेंगे
यदि आप अपने जीवन में विभिन्न परिस्थितियों को संभालने की अपनी क्षमता को देखें, तो क्या यह तब बेहतर है जब आप बहुत खुश या दुखी महसूस कर रहे हों? जब आप खुश होते हैं, तो आप कोई भी काम करने के लिए तैयार रहते हैं। जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आप सबसे सरल चीजें भी नहीं करना चाहते हैं , यह आपके भीतर एक अलग तरह की गति पैदा करता है।
इसलिए सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण चीज़ जिस पर हमें काम करने की ज़रूरत है वह है इंसान को शांतिपूर्ण और आनंदमय बनाना। यदि आप सही प्रकार का योग करेंगे तो यह अवश्य होगा। अगर इसे सही तरीके से किया जाए , क्योंकि योग एक व्यक्तिपरक विज्ञान है . अगर इसे सही तरीके से पेश किया जाए, तो यह एक चमत्कार की तरह काम करेगा और इसे संभव बनाएगा।
(सद्गुरु द्वारा डिज़ाइन किया गया, इनर इंजीनियरिंग अब 7-चरणीय ऑनलाइन प्रोग्राम के रूप में उपलब्ध है, जो मन, शरीर, भावनाओं और ऊर्जा को नियंत्रित करने में मदद करता है)
और पढ़ें:
Mental Health Day 2023: मेंटल स्ट्रेस को छूमंतर कर सकते है ये 8 फूड्स
पाना है छरहरा बदन, तो इस ब्लू कलर के फूल की चाय का करें सेवन