सार

Diabetic Hyperphagia: रिसर्च कहती हैं कि हाइपरफैगिया इसलिए होता है क्योंकि इंसुलिन की समस्याएं एनर्जी में चीनी के हस्तांतरण में बाधा डालती हैं। हाइपरफैगिया या तो ग्लूकोज की कमी या शरीर द्वारा ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करने में असमर्थता का परिणाम है।

हेल्थ डेस्क : डायबिटिक हाइपरफैगिया एक ऐसी स्थिति है जो मधुमेह से पीड़ित उन लोगों में आम है जो भरपूर खाना खाने के बावजूद हमेशा भूखे रहते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक, यह स्थिति तब होती है जब आपको हाई ब्लड शुगर के साथ-साथ लॉ ब्लड शुगर भी होती है। डायबिटिक हाइपरफैगिया भी डायबिटिक कीटोएसिडोसिस का एक शुरुआती चेतावनी संकेत है, जो एक संभावित जीवन-घातक जटिलता है क्योंकि शरीर अतिरिक्त रक्त एसिड का उत्पादन कर रहा होता है।

हाइपरफैगिया क्यों होता है? 

रिसर्च कहती हैं कि हाइपरफैगिया इसलिए होता है क्योंकि इंसुलिन की समस्याएं एनर्जी में चीनी के हस्तांतरण में बाधा डालती हैं। एक्सपर्ट के अनुसार, हाइपोथैलेमस - आपके मस्तिष्क का एक हिस्सा है जो भूख सहित शरीर के कार्यों को करने में भूमिका निभाता है। इससे मधुमेह प्रभावित होता है और इसलिए हाइपोथैलेमिक घाव से भूख संबंधी परिवर्तन हो सकते हैं।

डॉक्टरों का कहना है कि हाइपरफैगिया सभी प्रकार के मधुमेह में आम है, जिसमें टाइप 1, टाइप 2 और प्रेग्नेंसी मधुमेह शामिल है। यह एक सामान्य स्थिति है जिसे अनियंत्रित मधुमेह के तीन पी में से एक माना जाता है:

  • पॉलीफैगिया या अत्यधिक भूख लगना 
  • बहुमूत्र या अत्यधिक पेशाब आना 
  • पॉलीडिप्सिया या अत्यधिक प्यास लगना

हाइपरफैगिया या तो ग्लूकोज की कमी या शरीर द्वारा ऊर्जा के लिए इसका उपयोग करने में असमर्थता का परिणाम है। मधुमेह के अलावा, कुछ मानसिक स्वास्थ्य स्थितियां भी हाइपरफैगिया का कारण बनती हैं। तनाव जब आप तनावग्रस्त होते हैं, तो आपके शरीर से कोर्टिसोल हार्मोन का स्राव बढ़ता है, जो आपके रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ाता है और आपको भूखा रखता है। चिंता के कारण कोर्टिसोल का स्तर बढ़ जाता है, जिसके परिणामस्वरूप बार-बार भूख लगती है। डॉक्टरों का कहना है कि भोजन करना नकारात्मक भावनाओं से निपटने का एक तरीका हो सकता है।

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