कोरोनावायरस महामारी और लंबे लॉकडाउन का असर लोगों के दिलो-दिमाग पर बहुत ही खराब पड़ रहा है। ज्यादातर लोग किसी न किसी तरह की चिंता में डूबे नजर आते हैं। बहुत से लोगों को एक अनजाना भय महसूस होने लगा है।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से काफी लोग तरह-तरह की चिंता और तनाव के शिकार हो रहे हैं। जब तनाव बढ़ जाता है तो यह डिप्रेशन का रूप ले लेता है।
कोरोना महामारी की वजह से बच्चों के स्कूल लंबे समय से बंद हैं। बच्चे भी महीनों घर में रहने की वजह से परेशान हो गए हैं। दोस्तों के साथ मेल-मुलाकात और खेलना-कूदना भी बंद हो गया है। ऐसे में, पेरेन्ट्स के साथ भी दिक्कत आ रही है।
कोरोना वायरस का खतरा अभी टला नहीं है। देखने में आ रहा है कि कई जगहों पर इसके संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में, लॉकडाउन में छूट मिलने के बावजूद कुछ सावधानी बरतना जरूरी है।
आजकल ज्यादतर औरतें कोई न कोई जॉब करती हैं। ऐसे में उन्हें घर के कामकाज, बच्चों की देखभाल से लेकर ऑफिस के कामकाज में तालमेल बैठाना पड़ता है। देखने में आता है कि वर्किंग मदर्स के बच्चे दूसरे बच्चों की तुलना में कुछ अलग ही होते हैं।
कोरोना वायरस महामारी से दुनिया के ज्यादातर देशों के लोग तबाह हो चुके हैं। चीन के वुहान शहर से शुरू हुई इस महामारी के 5 महीने बीत जाने के बाद भी कम होने के आसार नहीं नजर आ रहे हैं। इस दौरान लॉकडाउन में रह रहे लोग कई तरह की मानसिक समस्याओं के शिकार हो रहे हैं।
आज के समय में बुजुर्ग लोगों के लिए नई टेक्नोलॉजी की जानकारी रखना जरूरी हो गया है। अगर उन्हें इंटरनेट, स्मार्टफोन और दूसरी तकनीकी चीजों के बारे में पता नहीं हो तो कई तरह की असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
दुनिया भर में कोरोना महामारी का कहर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। भारत में भी कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 207615 हो गई है। इससे बचाव के लिए खान-पान पर विशेष ध्यान देना जरूरी है, ताकि इम्युनिटी मजबूत बनी रहे।
अक्सर यह देखने में आता है कि बच्चे पढ़ाई से कतराते हैं। उनका मन खेल-कूद और दूसरी एक्टिविटीज में ही ज्यादा लगता है।
कोरोना वायरस महामारी से दुनिया भर में लोग तबाह हैं। इससे लोगों की रूटीन में बड़ा बदलाव आया है। लॉकडाउन की वजह से लोग घरों में बंद रहने को मजबूर रहे हैं। इसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ा है।