कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन लगने के पहले से ही बच्चों के स्कूल बंद हैं। लॉकडाउन में बच्चे घर से बाहर खेलने के लिए नहीं जा सकते। वे अपना ज्यादा से ज्यादा समय स्मार्टफोन पर गेम खेलने में बिता रहे हैं। इसका असर उनके दिलो-दिमाग पर बहुत खराब होता है।
कोरोना वायरस सभी के लिए एक बड़ी आपदा बन कर आया है। यह पूरी दुनिया में फैल चुका है। इससे मुकाबला करने के लिए सजगता के साथ सेल्फ कॉन्फिडेंस को मजबूत करने की जरूरत है।
वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों को लगातार जागरुक किया जा रहा है। वहीं WHO कई बार ये बता चुका है कि जिसका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होता है उसे ये वायरस सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है।
कोरोना वायरस की महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन बढ़ा कर 3 मई तक कर दिया गया है। इस दौरान काफी लोग चिंता और तनाव की समस्या से जूझ रहे हैं। लॉकडाउन सिर्फ भारत ही नहीं, दुनिया के कई देशों में लगाया गया है।
कोरोना वायरस के फैलने के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। हालांकि, बच्चों के स्कूल काफी पहले ही बंद हो गए थे और उनकी परीक्षाएं भी स्थगित हो गई थीं। इस दौरान घर में ही बच्चों की पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देना जरूरी है।
लंबे समय से लॉकडाउन में रहने की वजह से हर आदमी परेशान है। सबके मन में कोरोना को लेकर एक अनजाना डर बना हुआ है। इससे नेगेटिविटी बढ़ती है और घर के माहौल पर भी इसका खराब पड़ता है।
कोरोना वायरस की बीमारी फैलने की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन लगा हुआ है। इसमें ज्यादातर लोग चिंता, तनाव और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिए जाने से काफी लोग जो अकेले रहते हैं, ऑनलाइन फूड आइटम्स मंगवा रहे हैं। इस दौरान कुछ सावधानी बरतना जरूरी है।