Pegi Robinson:कहते हैं कि मौत का सच कोई नहीं जानता, लेकिन कुछ लोग ऐसे अनुभव लेकर लौटे हैं जो हमें सोचने पर मजबूर कर देते हैं। ऐसा ही अनुभव हुआ अमेरिका की रहने वाली पेगी रॉबिन्सन के साथ, जो दो बार मौत को करीब से देख चुकी हैं।
Death And Life Story: मौत क्या है, कैसे होता है और क्या मरने के बाद कोई जिंदा हो सकता है...ये सवाल आमतौर पर हर किसी के जहन में होता है। मौत का रहस्य शायद ही कोई इंसान जान पाया होगा। लेकिन कुछ लोग हैं, जिन्होंने मौत का अनुभव करीब से किया और वो वापस जिंदगी में लौट आएं। इसी कड़ी में एक नाम अमेरिका की रहने वाली पेगी रॉबिन्सन (Pegi Robinson) का है। उन्होंने बताया कि वो दो बार मौत को करीब से देखा और भगवान से बहस करके जिंदा हो गईं। चलिए बताते हैं, उनकी कहानी।
द मिरर पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक- पेगी को पहली बार मौत का अनुभव तब हुआ, जब वो महज 5 साल की थी। वो तालाब में डूब गई थी। लेकिन सबसे बड़ा अनुभव 25 साल की उम्र में तब आया, जब गर्भावस्था के दौरान वो गंभीर जटिलताओं के चलते वह मौत के मुहाने तक पहुंच गई थी।
'मौत के बाद खुद को भगवान के सामने पाया'
पेगी बताती हैं कि उस दौरान उन्होंने खुद को गैलेक्सीज से गुजरते और फिर एक चमकदार सफेद कमरे में प्रवेश करते हुए पाया, जहां सामने खुद भगवान बैठे थे। भगवान ने उन्हें बताया कि अब उनका समय पूरा हो चुका है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और जोर देकर कहा, ‘नहीं, मैं नहीं जा सकती, मेरे बच्चों को मेरी जरूरत है।’ भगवान ने उन्हें एक दृश्य दिखाया, जिसमें एक बच्चा दुकान पर जिद कर रहा था। इससे भगवान ने यह संदेश दिया कि पेगी भी उसी तरह जिद कर रही है। लेकिन पेगी ने नम्रता से भगवान से प्रार्थना की कि अगर उनके बच्चे उनके बिना बेहतर रह सकते हैं, तो वह मान जाएंगी। वरना वह वापस लौटना चाहेंगी।
'बच्चों को दर्द में देख भगवान से वापस भेजने की गुहार लगाने लगी'
पेगी बताती हैं कि उन्होंने वहां यीशु मसीह (Jesus) को भी देखा, जो सफेद वस्त्र पहने खड़े थे। उन्होंने देखा कि उनके बच्चे घर में बैठकर उनकी मौत की चर्चा कर रहे हैं। अपने बच्चों का दर्द देखकर पेगी टूट गईं और वापस लौटने की गुहार लगाने लगीं। अचानक ही पेगी खुद को अस्पताल में पाईं। डॉक्टरों ने बताया कि वह ट्यूबल प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) के कारण गंभीर इंटरनल ब्लीडिंग से जूझ रही थीं। हालांकि उन्होंने अपने जुड़वा बच्चों को खो दिया, लेकिन उनकी जान बच गई।
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‘ईश्वर हमें परिस्थिति के हिसाब से रास्ता दिखाते हैं’
आज 64 साल की हो चुकी पेगी कहती हैं,'मौत जैसी कोई चीज नहीं हैं। भगवान हमें यादें देते हैं, जो हमारी आत्मा में संजोई रहती हैं। हम कभी अकेले नहीं होते। भगवान हमें समय और परिस्थिति के हिसाब से रास्ता दिखाते हैं।' पेगी आज भी अपने अनुभव लोगों से साझा करती हैं ताकि वे समझ सकें कि जीवन कितना अनमोल है और भगवान हमेशा हमारे साथ हैं।
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