सार
भोपाल में महिला डॉक्टर आकांक्षा माहेश्वरी ने हॉस्टल में सुसाइड कर लिया। वह गांधी मेडिकल कॉलेज से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थीं। शुरूआती जांच में सामने आया है कि डॉक्टर ने दवा का ओवरडोज लेकर यह कदम उठाया है। मौके से इंजेक्शन और सीरिंज मिली है।
भोपाल (मध्य प्रदेश). जब आप डिप्रेशन में होते हैं तो डॉक्टर के पास जाते हैं, लेकिन अब तो आए दिन डॉक्टर भी तनाव में आकर जिंदगी खत्म करने लगे हैं। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसा ही दुखद मामला सामने आया है। जहां आकांक्षा माहेश्वरी नाम की जूनियर डॉक्टर ने हॉस्टल के कमरे में सुसाइड कर लिया। इस घटना के बद मेडिकल कॉलेज और हॉस्टल में हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव बरामद कर जांच शुरू कर दी है। बता दें कि पुलिस ने एक पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है, जिसमें आकांक्षा ने मौत की वजह लिखी है।
मौत से पहले फोन कर कहा था- आज ड्यूटी पर नहीं आऊंगी
दरअसल, आकांक्षा माहेश्वरी ने बुधवार शाम को खौफनाक कदम उठाते हुए जिदंगी समाप्त कर ली। पुलिस को मौके से इंजेक्शन और सीरिंज मिली है। बताया जा रहा है कि आकांक्षा ने दवा का ओवरडोज लेकर यह आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद खुलासा हो पाएगा। कोहेफिजा टीआई विजय सिसोदिया ने बताया कि बुधवार सुबह करीब 7 बजे आकांक्षा ने अपने डिपार्टमेंट में फोन कर बताया था कि तबीयत खराब है, वो ड्यूटी पर नहीं आ पाएगी।
मौत का ऐसा लगा पता...आराम करने का बोलकर बंद किया दरवाजा
बता दें कि 24 साल की आकांक्षा माहेश्वरी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में पीजी कर रही थी। वह फर्स्ट ईयर में थी। आकांक्षा ग्वालियर के दीनदयाल नगर इलाके के आदित्य पुरम की रहने वाली थी। उसने वहां से एमबीबीएस किया था। इसके बाद वो भोपाल के जीएमसी आ गई। हॉस्टल में रहने वाली अन्य स्टूडेंट ने पुलिस को बताया कि आकांक्षा के रूम का दरवाजा सुबह से बंद था। वह समझ रहे थे कि उसकी तबीयत खराब है, इसलिए वो आराम कर रही है। शाम होने तक उसकी कोई हलचल नहीं हुई और दरवाजा नहीं खुला तो लड़कियों ने गार्ड को जानकारी दी। गार्ड ने जीएमसी प्रबंधन को बताया और पुलिस को बुलाया तो आंकाक्षा बेड पर मृत पड़ी थी।
सुसाइड नोट में लिखा- सॉरी मम्मी-पापा और दोस्तों
पुलिस को मौके से एक पेज का जो सुसाइड नोट मिला है। आकांक्षा ने लिखा- मैं इतना स्ट्रेस नहीं झेल पा रही हूं..। मैं मजबूत नहीं हूं, इसलिए मम्मी-पापा सॉरी, दोस्तों को भी सॉरी। क्या करूं मैं स्ट्रॉन्ग नहीं हूं। सभी को प्यार देने के लिए धन्यवाद। मैं व्यक्तिगत कारणों से यह कदम उठा रही हूं।
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