सार

बुधवार को संसद सत्र के दौरान द्रमुक सांसद ए. राजा ने अपनी राय रखते हुए एसपीजी बिल संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दिया था। इसी बयान के बाद सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने उनको टोकते हुए कहा था, आप 'देशभक्त' नाथूराम गोडसे का नाम मत लीजिए।

भोपाल (मध्य प्रदेश). महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को लोकसभा में देशभक्त बताने वाली सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर संसद में दूसरे दिन भी जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने सदन में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए इस पर चर्चा करने की मांग की। वहीं स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा,  प्रज्ञा के बयान को रिकॉर्ड से हटवा दिया है। इस पर  क्यों चर्चा करें। लेकिन इस दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।

प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की समिति से हटाया
प्रज्ञा ठाकुर के नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने वाले बयान पर गुरुवार को लोकसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस ने इस पर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देते हुए चर्चा की मांग की। हालांकि, स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि प्रज्ञा का बयान रिकॉर्ड से निकलवा दिया गया है, ऐसे में इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। इस पर कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। 

राहुल गांधी ने बताया संसदीय इतिहास का काला दिन
राहुल गांधी ने प्रज्ञा के स्टेटमेंट को संसदीय इतिहास का काला दिन बताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, “आतंकी प्रज्ञा आतंकवादी गोडसे को देशभक्त बता रही हैं। यह भारतीय संसद के इतिहास का सबसे काला दिन है।”
 

 

इस सांसद के बयान पर भड़क उठी थी साध्वी प्रज्ञा
दरअसल, बुधवार को संसद सत्र के दौरान  द्रमुक सांसद ए. राजा ने अपनी राय रखते हुए एसपीजी बिल संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान नकारात्मक मानसिकता को लेकर गोडसे का उदाहरण दे रहे थे, इसी बयान के बाद  प्रज्ञा ठाकुर ने उनको टोकते हुए कहा था, आप 'देशभक्त' नाथूराम गोडसे का नाम मत लीजिए।

प्रज्ञा को चुप कराने आगे आए थे भाजपा सांसद 
जब उनके इस विवादित बयान के बाद संसद में विपक्षी पार्टियों ने विरोध जताना शुरू किया तो भाजपा सांसदों ने प्रज्ञा ठाकुर को बैठने और चुप रहने के लिए कहा था। 

प्रज्ञा को लेकर CM कमलनाथ ने की थी कार्रवाई की मांग
वहीं बुधवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लेकर आपत्ति जताते हुए कहा था। बीजेपी को इस तरह के बयान को लेकर उनपर कार्रवाई करनी चाहिए। कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा था, “भाजपा को इस मुद्दे पर अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी को प्रज्ञा के इस तरह के बयान दोहराने के लिए फिर से माफ नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि पूरा देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। भाजपा से देश अब यह जानना चाहता है कि वो गांधी जी के साथ है या गोडसे के साथ ? उन्हें अब यह स्पष्ट करना चाहिये।