सार
मध्य प्रदेश के शाजापुर के रहने वाले कौटिल्य कटारिया ने इंग्लैंड में 7 साल से कम उम्र में पाइथन लैंग्वेज और कोडिंग सीखकर ऑनलाइन कम्प्यूटर प्रोग्रामर की परीक्षा पास एक वर्ल्ड रिकार्ड बनाया है। उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया है। बता दें कि कौटिल्य इस समय इंग्लैंड के नार्थम्प्टन शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं।
भोपाल, मध्य प्रदेश. पाइथन लैंग्वेज और कोडिंग सीखने के बाद ऑनलाइन कम्प्यूटर प्रोग्रामर की परीक्षा में बैठे इस बच्चे ने वर्ल्ड रिकार्ड बना दिया है। मध्य प्रदेश के शाजापुर के रहने वाले कौटिल्य कटारिया ने इंग्लैंड में 7 साल से कम उम्र में यह परीक्षा पास करके अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज कराया है। बता दें कि कौटिल्य इस समय इंग्लैंड के नार्थम्प्टन शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। कौटिल्य शाजपुर जिले के गांव देंदला के रहने वाले हैं। इस समय वे इंग्लैंड के नार्थम्प्टन शहर के वुडन पार्क स्कूल में सेकंड क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं। कौटिल्य के पिता ईश्वरीयप्रसाद कटारिया वहीं पर एक प्राइवेट बैंक के वाइस प्रेसीडेंट हैं। कौटिल्य के दादा बीसी कटारिया यहां जिला खेल कीड़ा अधिकारी रह चुके हैं। बता दें कि पाइथन एक हाई लेवल प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसका उपयोग बड़े-बड़े कामों में होता है।
दादा ने कहा उनका पोता ईश्वरीय वरदान
कोटिल्य के दादा बताते हैं कि वो 2017 में गांव आया था। इस बार लॉकडाउन के चलते वो भारत नहीं आ सका। बीसी कटारिया अपने पोते को ईश्वरीय वरदान मानते हैं। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के बीच जब स्कूल बंद थे, तो उसे कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग से जुड़ी किताबें खरीद कर दी थीं। उन्हें पढ़ने के बाद कौटिल्य ने अपनी खुद की वेबसाइट व टिक टेक टॉक नामक गेम बनाए। कौटिल्य की मां बताती हैं कि उसे स्वीमिंग और पजल के अलावा साइकिलिंग का शौक है। उसके छठवें बर्थडे पर लेपटॉप खरीदकर दिया था। तब सोचा था कि वो इसमें गेम खेलेगा, लेकिन उसने सबको हैरान कर दिया।
अभी से जॉब के आफर
वर्ल्ड रिकार्ड बनाने के बाद कौटिल्य इंग्लैंड में चर्चाओं में हैं। उन्हें अभी से जॉब के आफर आने लगे हैं। आईबीएम के सॉफ्टवेयर इंजीनियर मुख्य मैनेजर एंटोनियो कैंगियानो ने भी उन्हें बधाई भेजी उन्होंने नौकरी की पेशकश की। कौटिल्य ने 6 से 7 माह में ही कई प्रोग्रामिंग बना ली थीं। बता दें कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे छोटे प्रोग्रामर का नाम 6 साल 364 दिन के अहमदाबाद के अरहम ओम तलसानिया के नाम दर्ज था। जबकि कौटिल्य ने 6 साल 346 दिन में ही यह काम कर दिखाया। कौटिल्य की मां ने 6 सितंबर 2020 को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए ऑनलाइन एप्लाय कर दिया। कौटिल्य ने ऑनलाइन पढ़कर ही स्पेनिश भाषा भी सीख ली।
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