सार

'द कश्मीर फाइल्स' के निर्माता अभिषेक अग्रवाल और निर्देशक विवेक अग्निहोत्री हैं। यह फिल्म 1990 के दशक में कश्मीर घाटी से कश्मीरी पंडितों के पलायन और नरसंहार पर बनी है। इसी फिल्म पर टिप्पणी करने के चलते अफसर नियाज खान को नोटिस थमाया गया है।

भोपाल : 'द कश्मीर फाइल्स' (The Kashmir Files) पर बयान देकर IAS अफसर नियाज खान मुश्किलों में फंस गए हैं। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। राज्य सरकार ने उनकी टिप्पणियों को नफरत फैलाने वाली और अखिल भारतीय लोक सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन माना है। नियाज खान ने खुद इसकी जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें सात दिन का वक्त दिया गया है। यह पहला वाकया नहीं है जब नियाज खान इस तरह की कंट्रोवर्सी में फंसे हो। इससे पहले भी वे कई बार विवादों में रह चुके हैं और सरकार के सीधे पंगा भी ले चुके हैं।

'द कश्मीर फाइल्स' को लेकर क्या बोले नियाज खान
नियाज खान (Niyaz Khan) एमपी में PWD के डिप्टी सेक्रेटरी हैं। पिछले हफ्ते द कश्मीर फाइल्स को लेकर उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा- कश्मीर फाइल्स ब्राह्मणों के दर्द को दिखाती है। उन्हें पूरे सम्मान के साथ कश्मीर में सुरक्षित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। निर्माता को कई राज्यों में बड़ी संख्या में मुसलमानों की हत्याओं को दिखाने के लिए भी एक फिल्म बनानी चाहिए। उन्होंने एक दूसरा ट्वीट भी किया, जिसमें फिल्म डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री (Vivek Agnihotri) को फिल्म की कामयाबी की बधाई दी और साथ में लिखा- चूंकि लोगों ने कश्मीरी ब्राह्मणों की भावनाओं को बहुत सम्मान दिया इसलिए फिल्म के निर्माताओं को पूरी कमाई ब्राह्मण बच्चों की शिक्षा के लिए दान दे देनी चाहिए। साथ ही कश्मीर में उनके लिए घर बनाने चाहिए।

कौन हैं नियाज खान
नियाज खान छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रहने वाले हैं। 2001 में राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बने। 2015 में IAS में प्रमोशन मिला था। पहली पोस्टिंग 2002 में रायसेन के मंडीदीप में बतौर डिप्टी कलेक्टर हुई थी। वहीं से उन्होंने कई बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया और कई दफा सरकार से सीधे भिड़ गए।

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20 साल की नौकरी में 19 ट्रांसफर

नियाज के 20 साल की नौकरी में 19 ट्रांसफर हो चुके हैं। गुना में अपर कलेक्टर रहते हुए नियाज खान को जब जिला पंचायत सीईओ का प्रभार मिला तो उन्होंने देश का सबसे बड़ा ODF घोटाले की परत खोल दी थी। नियाज खान 2006-07 में जब होशंगाबाद में पदस्थ थे, तब पचमढ़ी में अवैध कब्जा हटाने के लिए पहली बार बुलडोजर इस्तेमाल किया गया था। राइटर अरुंधति रॉय (Arundhati Roy ) के पति प्रदीप किशन और फिल्मकार विक्रम भट्‌ट की बहन के बंगले से अवैध कब्जा हटाया था। ग्वालियर में शिक्षा विभाग की 10 करोड़ की जमीन अवैध कब्जे से मुक्त करा ली थी। 12 घंटे तक लगातार अभियान चलाकर 600 से अधिक अतिक्रमण हटाए थे। रतलाम में पदस्थ रहते हुए उन्होंने स्कूलों के निर्माण कार्यों में बड़ा घोटाला खोला था। 

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सलमान खान, अक्षय कुमार को थमाया नोटिस

साल 2015 की बात है जब नियाज खान गुना में ADM की पोस्ट पर तैनात थे। उस वक्त गुना के खाद्य एवं औषधि विभाग ने शीतल पेय पदार्थ थम्सअप के सैंपल की जांच के लिए भोपाल (Bhopal) की शासकीय लेबोरेटरी में भेजा था। सैंपल की जांच हुई तो पता चला कि थम्स-अप ने बोतल पर फ्लेवर की जानकारी प्रिंट नहीं है, जो पेय पदार्थ मानकों का उल्लंघन है। जब यह मामला एडीएम कोर्ट पहुंचा तो कंपनी के नॉमिनी राजकुमार तिनकर क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर मप्र और अनित कुमार पाल क्वालिटी एश्योरेंस मैनेजर गुजरात व रुठियाई अग्रवाल ट्रेडर्स के अनिल अग्रवाल को आरोपी बनाया गया। नियाज खान ने इस मामले में बॉलीवुड एक्टर सलमान खान (Salman Khan), अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और साउथ के सुपरस्टार महेश बाबू (Mahesh Babu) को थम्सअप का प्रचार करने को लेकर नोटिस थमाया। बाद में सलमान खान की तरफ से कोर्ट में जवाब पेश किया गया। इसके बाद नियाज खान खूब सुर्खियों में रहे।

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