सार
बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला ने बीजेपी का दामन थाम लिया। उन्होंने सनावद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभा में पहुंचकर बीजेपी की सदस्यता ले ली। बिरला को बीजेपी में लाने में मांधाता विधायक नारायण पटेल की अहम भूमिका बताई जा रही है।
खरगोन : खंडवा संसदीय क्षेत्र सहित पृथ्वीपुर (Prithvipur), जोबट (Jobat) और रैगांव (Raigaon) विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव की वोटिंग से पहले कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। बड़वाह से कांग्रेस विधायक सचिन बिरला (sachin birla) ने बीजेपी (bjp) का दामन थाम लिया। उन्होंने सनावद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) की सभा में पहुंचकर बीजेपी की सदस्यता ले ली। बिरला को बीजेपी में लाने में मांधाता विधायक नारायण पटेल की अहम भूमिका बताई जा रही है। वे पटेल गुर्जर समाज से आते हैं।
कांग्रेस मनाने में असफल
इसके पहले पूर्व विधायक सुलोचना रावत ने बेटे विशाल रावत के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। पार्टी ने उन्हें जोबट विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। सुलोचना के भाजपा में जाने की खबर कांग्रेस नेताओं को एक दिन पहले लगी थी पर वे उन्हें मनाने में असफल रहे। वहीं, अब कांग्रेस को बड़वाह विधानसभा क्षेत्र से विधायक सचिन बिरला के भाजपा में जाने से एक और बड़ा झटका दिया है।
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सचिन का अच्छा खासा प्रभाव
खंडवा संसदीय क्षेत्र में आने वाले बड़वाह विधानसभा क्षेत्र में सचिन का काफी प्रभाव है। इसका अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि कांग्रेस ने जब उन्हें 2013 के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं बनाया था, तब उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था और दूसरे स्थान पर रहे थे। इसमें उन्हें 61 हजार 970 मत मिले थे। जबकि, कांग्रेस के प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर की जमानत जब्त हो गई थी। उन्हें सिर्फ 14 हजार 323 मत मिले थे। 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वे 30 हजार 508 मतों से विजयी हुए। उन्होंने भाजपा के हितेन्द्र सिंह सोलंकी को पराजित किया, जिनसे वे 2013 में लगभग पांच हजार मतों से पराजित हो गए थे।
कमलनाथ का पलटवार
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamalnath) ने भी ट्वीट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट किया है कि भाजपा ने सौदेबाजी और बोली से प्रदेश में अपनी सरकार बनाई, क्योंकि जनता ने तो उन्हें चुनावों में नकार दिया था, घर बैठा दिया था। अब प्रदेश में हो रहे इन चार उपचुनावों में भी भाजपा ने जनता का मूड देख लिया है। भाजपा को संभावित परिणामो का अंदेशा हो चला है , उनका जनाधार खत्म हो चुका है, जनता अब उनको एक पल भी सत्ता में देखना नहीं चाहती है तो अब अपनी सरकार और खोए जनाधार को बचाने के लिए भाजपा एक बार फिर सौदेबाजी कर प्रदेश की राजनीति को कलंकित करने में और लोकतंत्र में जनता को मिले वोट के अधिकार का अपमान करने में लग गई है।
दिग्विजय सिंह ने साधा निशाना
कांग्रेस विधायक सचिन बिरला के बीजेपी में शामिल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh)ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि बिकाऊ माल बिकेगा, टिकाऊ माल टिकेगा। उन्होंने सचिन बिरला के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हे बिकाऊ बताते हुए यह बात कही।
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