सार
मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में दिवाली (Diwali) पर हर साल अंधविश्वास की अजब तस्वीर देखने को मिलती है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) के गृह जिले सीहोर (Sehore) में सांपों की अदालत लगती है। ये प्रथा करीब 150 साल से चली आ रही है। यहां अदालत में सर्प मानव शरीर में आकर डसने की वजह बताते हैं।
सीहोर। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के सीहोर (Sehore) जिले का लसूड़िया परिहार गांव (Lasudia Parihar Village)। यहां आज भी सर्पदंश से पीड़ित लोग स्वस्थ होने की कामना से मंदिर आते हैं। इसे आस्था कहें या अंधविश्वास, मंदिर पहुंचने वाले लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता है। इस गांव में ये प्रथा पिछले 150 सालों से चली आ रही है। पेशी के दौरान नागदेव मानव शरीर में आते हैं और डसने की वजह भी बताते हैं। कोई कहता है- पूंछ पर पैर रखा था, इसलिए डस लिया तो कोई कहता है- परेशान किया था, इसलिए डस लिया।
यहां दिवाली (Diwali) के अगले दिन पड़वा पर नागों का दरबार सजता है। इसमें सर्पदंश के शिकार लोग ठीक होने की कामना लेकर बड़ी संख्या पहुंचते हैं। लोगों का मानना है कि पेशी पर नाग देवता खुद मानव शरीर में प्रवेश कर डसने का कारण बताते हैं। शुक्रवार को गांव में ये नजारा काफी चौकानें वाला नजर आ रहा था, क्योंकि जैसे ही सांप की आकृति स्वरूप बनी थाली को नगाडे़ की तरह बजाना शुरू किया गया, वैसे ही जिन लोगों को पहले कभी सांप ने काटा था, वे झूमने लगे। इसके बाद पंडितजी ने उनसे बात की। इस दौरान मानव शरीर में आए सांपों ने बताया कि उसने पीड़ित को क्यों काटा था? साथ ही पीड़ित ने वचन दिया कि वो कभी किसी सांप को परेशान नहीं करेंगे। सैकड़ों पीड़ितों का उपचार होने से लगातार यहां लोगों की आस्था बढ़ रही है।
सीहोर से 15 किमी दूर लगती है सांपों की अदालत
बता दें कि सीहोर जिले से महज 15 किलोमीटर दूर इस गांव में सांपों की अदालत लगती है। यहां के राम मंदिर में सांपों की अदालत लगती है। गांव के नंदगिरी महाराज की मानें तो यहां होने वाली सांपों की पेशी हमारी तीन पीढ़ी करती आ रही है। सांप की आत्मा सर्प दंश से पीड़ित व्यक्ति के शरीर मे आकर काटने का कारण बताती है। सांपों की पेशी में आने का कार्यक्रम सुबह से शुरू हो जाता है जो शाम तक चलाता रहता है।
ऐसे मानव शरीर की आत्मा में आकर सांपों ने बताया कारण
मंदिर में हनुमानजी की मड़िया के सामने सांपों की पेशी लगाई गई। इस दौरान हजारों लोग यह जानने पहुंचे थे कि आखिर उन्हें सांप ने क्यों काटा। इसके लिए सबसे पहले कांडी की धुन पर भरनी गाकर इन्हें पेशी पर बुलाया गया। इस दौरान पेशी पर आए सांपों ने शरीर में आकर काटने का कारण बताया। एक सांप की आत्मा ने कहा कि तेरे खेत में शांति से रहता था, तूने तो मेरा ही घर तोड़ दिया। इसी की सजा मैंने तुझे दी थी। मैं तो तुम्हारे परिवार का हर जगह साथ दिया था और तुमने मुझे अपने से दूर क्यों कर दिया।
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