सार

पेठिया गांव के स्कूल में जब एक क्लास में जब टीचर छात्रों को मिलावट से बचने के उपाय के बारे में बता रहे थे, उसी दौरान स्वयं सहायता समूह की रसोइया बच्चों को पशुओं की चर्बी से बना पुलाव खिला रही थी।

खंडवा (मध्य प्रदेश). मिल डे मील योजना की खबर आए दिन चर्चा में बनी रहती है,हम सुनते रहते हैं कहीं बच्चों की मौत हो गई तो कहीं मासूम बीमार पड़ गए। ऐसा ही एक मामला  खंडवा के पेठिया गांव की स्कूल में देखने को मिला है जहां रसोइया ने बच्चों को पशुओं की चर्बी से बना पुलाव खिला रही थी। 

पुलाव को देखकर अधिकारी थे हैरान
पेठिया गांव के इस स्कूल में एक क्लास में जब टीचर छात्रों को मिलावट से बचने के तरीके बता रहे थे, उसी दौरान स्वयं सहायता समूह की रसोइया महिला बच्चों को पशुओं की चर्बी से बना पुलाव खिला रही थी।  सूचना मिलने के बाद बाद अधिकारी भी मौके पर पहुंचे तो उन्होंने मिड डे मील में पशुओं की चर्बी से बना पुलाव देखा तो वह हैरान रह गए। खाद्य औषधि प्रशासन के अधिकारियों ने पुलाव के सेंपल जांच के लिए भेजे हैं। दरअसल किसी व्यक्ति ने इस बात की सूचना विभाग के अधिकारियों को दे दी थी।

जो महिला बनाती उसे बच्चों को खाना पड़ता है
बताया जाता है पेठिया गांव में सन्नो बिस्मिल्लाह इस स्वयं सहायता समूह की अध्यक्ष है। गांव के लोगों के मुताबिक सन्नों दबंग महिला है वह अपनी मर्जी से जो भी खाना बनाती है उसको बच्चों को खाना पड़ता है। 

40 बच्चों को खिला चुकी थी चर्बी से बना पुलाव
जैसे सन्नो ने अफसरों की टीम को देखा तो पहले तो वह परेशान दिखी लेकिन बाद में मुस्कुराते हुए बोली- आज स्कूल के लिए मुझे कढ़ी बनाना थी, लेकिन छाछ की नहीं मिल पाया तो मैंने पुलाव बना दिया। हालांकि अधिकारियों के पहुंचने से पहले सन्नो ने करीब 40 बच्चों को चर्बी से बना पुलाव खिला चुकी थी।