सार
महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली 65 साल की महिला आखिरकार मंगलवार को अपने घर लौट आई। रिश्तेदारों और औरंगाबाद पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। हसीना बेगम नाम की इस महिला ने घर लौटने पर कहा,' पाकिस्तान में मैं बहुत मुश्किलों के दौर से गुजरी और अब अपने देश लौटने के बाद मुझे शांति का अहसास हो रहा है।
महाराष्ट्र। रिश्तेदार से मिलने लौहर गई हसीना बेगम पासपोर्ट खो जाने के बाद फंस गई थी। पाकिस्तानी अधिकारियों ने उसे जबरदस्ती कैदकर लिया। लेकिन, 18 साल बाद जब अब वह रिहा होकर अपने वतन भारत आई तो रो पड़ी। पुलिस अधिकारियों ने उसका स्वागत किया तो बोली अब मुझे लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग में हूं।
साल 2002 में पाकिस्तान गई थी हसीना बेगम
औरंगाबाद के सिटी चौक थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले राशिदपुरा इलाके की रहने वाली हसीना बेगम की शादी यूपी में सहारनपुर के रहने वाले दिलशाद अहमद से हुई है। वो साल 2002 में अपने पति के रिश्तेदारों से मिलने के लिए 18 साल पहले पाकिस्तान गई थी। लेकिन, लाहौर में अपना पासपोर्ट खो दिया था। जिसके बाद बिना पासपोर्ट के पकिस्तान आने के आरोप में उन्हें कैद कर लिया गया।
ऐसे हुई 18 साल में रिहा
कुछ साल पहले उसने पाकिस्तान की कोर्ट में एक याचिका दायर कर यह गुहार लगाई कि वह निर्दोष है, जिसके बाद पाकिस्तानी अदालत ने औरंगाबाद पुलिस से मामले में जानकारी मांगी थी। औरंगाबाद पुलिस ने मामले की जांच की और पाकिस्तान को सूचना भेजी कि हसीना बेगम के नाम पर औरंगाबाद में सिटी चौक पुलिस स्टेशन के तहत एक घर रजिस्टर्ड है। इसके बाद अदालत ने हसीना की दलील को मानते हुए पिछले सप्ताह उन्हें रिहा करने का निर्देश दिया। तीन दिन पहले रिहा हुई हसीना बेगम पंजाब के रास्ते मंगलवार को औरंगाबाद पहुंचीं।
परिवार से मिलने के बाद कही ये बातें
महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली 65 साल की महिला आखिरकार मंगलवार को अपने घर लौट आई। रिश्तेदारों और औरंगाबाद पुलिस अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। हसीना बेगम नाम की इस महिला ने घर लौटने पर कहा,' पाकिस्तान में मैं बहुत मुश्किलों के दौर से गुजरी और अब अपने देश लौटने के बाद मुझे शांति का अहसास हो रहा है। मुझे लग रहा है जैसे मैं स्वर्ग में हूं। मुझे पाकिस्तान में जबरदस्ती कैद कर लिया गया था। मैं इस मामले में सहयोग करने के लिए औरंगाबाद पुलिस को धन्यवाद देना चाहती हूं।