सार

परिवार के सदस्य की मौत के बाद परिजन और रिश्तेदारों ने अस्पताल के बाहर जमकर हंगामा किया। उनकी मांग है कि बिजली वितरण कंपनी के खिलाफ तत्काल एक्शन लिया जाए। पुलिस ने किसी तरह समझाकर सभी को शांत कराया। फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। 

कोल्हापुर : महाराष्ट्र (Maharashtra) के कोल्हापुर (Kolhapur) जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है। यहां गुरुवार रात लाइट चले जाने से एक मरीज की मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक 38 साल के एक शख्स का फेफड़ों की बीमारी का इलाज चल रहा था। उसे घर पर ही वेंटिलेटर सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। बिजली जाने से वेंटिलेटर का बैकअप खत्म हो गया और उसे सांस लेने में दिक्कत आने लगी। इसी वजह से कथित तौर पर उसकी मौत हो गई। जिसकी शिकायत थाने तक पहुंचने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।

क्या है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक घटना पुणे से करीब 230 किलोमीटर दूर पश्चिमी महाराष्ट्र जिले की करवीर तहसील के उचगांव गांव का है। गुरुवार रात अमेश काले नाम के मरीज की मौत हो गई। वह पिछले कुछ सालों से फेफड़ों की बीमारी से परेशान था। उसे घर पर ही वेंटिलेटर पर रखा गया था। कहा जा रहा है कि 30 मई को बिजली वितरण कंपनी ने बिल का भुगतान न करने का आरोप लगाते हुए सप्लाई बंद कर दी थी। इसके बाद परिजन ने इलाज के लिए बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था की थी। 

आंधी-पानी से बत्ती गुल, वेंटिलेटर बंद
उचगांव के गांधीनगर पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गुरुवार की रात आंधी और बारिश के बाद इलाके में बिजली गुल हो गई। जिससे वेंटिलेटर ने काम करना बंद कर दिया। इस वजह से मरीज काफी देर तक सांस ही नहीं पाया और तड़प-तड़पकर उसकी मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस ने इसकी जांच शुरू की।

अस्पताल के बाहर परिजन का हंगामा
कोल्हापुर के पुलिस अधीक्षक शैलेश बलकावड़े ने बताया कि मरीज की मौत के बाद स्थानीय सरकारी अस्पताल में उसका पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम से पहले उसके परिजन और रिश्तेदार वहां पहुंच गए और जमकर हंगामा शुरू कर दिया। उनका कहना है कि पुलिस तत्काल बिजली वितरण कंपनी पर एक्शन ले। जब काफी देर तक हंगामा शांत नहीं हुआ तो पुलिस के आला अधिकारी वहां पहुंचे और उन्होंने परिजनों को समझाकर शव को कब्जे में लिया।

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