सार

विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे से नाराज निरुपम ने पार्टी के अंदर मोर्चा खोल दिया है।

मुंबई(Mumbai). महाराष्ट्र के कद्दावर नेता संजय निरुपम चर्चा में हैं। दरअसल विधानसभा चुनाव के लिए टिकट बंटवारे से नाराज निरुपम ने पार्टी के अंदर मोर्चा खोल दिया है। कभी शिवसेना के फायर ब्रांड रहे इस नेता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पार्टी की टॉप लीडरशिप पर जमकर भड़ास निकाली। निरुपम ने कहा, 'कांग्रेस को चापलूसों से सावधान रहना होगा। अगर ऐसे लोगों को महत्व देंगे तो कांग्रेस की स्थिति भविष्य में और खराब हो जाएगी। पार्टी का मेरे साथ जैसा व्यवहार है, अगर वैसा ही चलता रहा, तो मैं प्रचार में शामिल नहीं होऊंगा।

कुछ हफ़्तों पहले मुंबई अध्यक्ष पद से हटाए गए निरुपम ने कहा, आखिर मेरे अंदर झेलने की कितनी क्षमता है? सोनिया गांधी के साथ जुड़े लोग साजिश रच रहे हैं। कांग्रेस के पूरे मॉडल में ही खामियां हैं। लगता है, उन्हें अब संघर्ष करने वालों की जरूरत नहीं रही है। बताते चलें कि निरुपम शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की वजह से राजनीति में आए थे। राजनीति में मशहूर हुआ ये शख्स कभी शिवसेना के मुखपत्र 'दोपहर का सामना' का एग्जीक्यूटिव एडिटर हुआ करता था।

 

शिवसेना ने बनाया था सांसद

पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए बाल ठाकरे ने ही 1996 में संजय निरुपम को राजयसभा भेजा था। हालांकि 2005 में मतभेद के बाद निरुपम ने शिवसेना से इस्तीफ़ा देकर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। कभी शिवसेना का फायर ब्रांड रहा ये नेता 2009 में कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुना गया। 2012 में पार्टी ने प्रवक्ता भी बनाया। हाल ही में लोकसभा चुनाव में निरुपम को कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में हार का सामना करना पड़ा।

 

2014 लोकसभा चुनाव में बेटी ने किया था प्रचार

बताते चलें कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेताओं में शुमार किया जाने वाला ये शख्स मूल रूप से बिहार में रोहतास से है। संजय की पत्नी का नाम गीता निरुपम है। इनकी एक बेटी भी है जो 2014  लोकसभा चुनाव के दौरान काफी चर्चा में आई थीं। दरअसल, जब 2014 में लोकसभा चुनाव में पिता के लिए प्रचार करने निकली थीं, तब शिवानी की उम्र 18 साल थी। खुली जीप में मां गीता निरुपम के साथ उन्होंने युवाओं की रैली निकाली थी।

शिवानी दिग्गज नेता की इकलौती संतान है। कहा जाता है कि पिता का सोशल मीडिया, वॉट्सएप और तमाम टेक्नोलॉजी से जुड़े काम बेटी ही देखती रही हैं।