सार
एयर वर्क्स मुंबई, दिल्ली, कोच्चि एड होसुर में अपनी ईएएसए और डीजीसीए-प्रमाणित सुविधाओं से ए320, बी737 और एटीआर 42/72 विमानों के बेड़े के लिए बेस मेनटेनेंस करता है। यह भारतीय नौसेना द्वारा संचालित तीन P-8I लंबी दूरी की समुद्री गश्ती और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों पर बोइंग के साथ भारी रखरखाव जांच भी करता है।
ADSTL takeover Air Works: विमानों के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल फर्म एयर वर्क्स, अब अडानी ग्रुप की होगी। अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी डिफेंस सिस्टम्स टेक्नोलॉजीस लिमिटेड (एडीएसटीएल) ने देश की सबसे बड़ी इस फर्म का अधिग्रहण 400 करोड़ रुपये में करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस फर्म का देश के 27 शहरों में सबसे बड़ा ऑल इंडिया लेवल का नेटवर्क है।
डिफेंस और एयरोस्पेस प्लेटफार्म्स पर अडानी की सबसे बड़ी दस्तक
एयर वर्क्स का यह अधिग्रहण एडीएसटीएल के लिए रक्षा एवं एयरोस्पेस क्षेत्र में बड़ी दस्तक है। एयर वर्क्स ने प्रमुख रक्षा और एयरोस्पेस प्लेटफार्मों के लिए देश के भीतर व्यापक ऑपरेशनल क्षमता विकसित की है। एयर वर्क्स मुंबई, दिल्ली, कोच्चि एड होसुर में अपनी ईएएसए और डीजीसीए-प्रमाणित सुविधाओं से ए320, बी737 और एटीआर 42/72 विमानों के बेड़े के लिए बेस मेनटेनेंस करता है। यह भारतीय नौसेना द्वारा संचालित तीन P-8I लंबी दूरी की समुद्री गश्ती और पनडुब्बी रोधी युद्धक विमानों पर बोइंग के साथ भारी रखरखाव जांच भी करता है। इसके अलावा एयर वर्क्स, इंडियन एयरफोर्स के 737 वीवीआईपी विमानों के लैंडिंग गियर के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल का प्रबंधन भी करता है।
अडानी और एयरवर्क्स के मिलने से इस क्षेत्र में बढ़ेगी आत्मनिर्भरता
अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के सीईओ आशीष राजवंशी ने कहा कि भारत की एयरलाइन और हवाईअड्डा क्षेत्रों का प्राथमिक विकास अनिवार्य है। इसके लिए नरेंद्र मोदी सरकार के 'विशाल नेटवर्क' के माध्यम से राष्ट्र को नेटवर्किंग पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य है। इसके लिए रक्षा और नागरिक एयरोस्पेस दोनों क्षेत्रों में रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका है। भारत को रक्षा विमानों के लिए एक बड़ा बाजार बनाने के लिए चल रहे आधुनिकीकरण कार्यक्रम में जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि एयर वर्क्स में त्रुटिहीन सिद्ध क्षमताएं हैं और अपनी 70 साल की विमानन विरासत में कई बार इंडिया फर्स्ट और इंडस्ट्री फर्स्ट प्रोजेक्ट्स को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसे अदानी समूह की क्षमताओं के साथ मिलाएं और हमें जो मिलता है वह एक ऐसी इकाई है जो वास्तव में एक आत्मनिर्भर भारत का प्रतिनिधित्व करती है।
अधिग्रहण से रोजगार के तमाम अवसर पैदा होंगे
एयर वर्क्स के एमडी और सीईओ डी आनंद भास्कर ने कहा कि भारत में रक्षा और नागरिक विमानों के क्षेत्र के लिए एमआरओ हब बनने की क्षमता है। एयर वर्क्स और उसके कर्मचारियों के लिए अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस प्लेटफॉर्म के तहत शामिल होने का एक शानदार अवसर है। सरकार के नीतिगत उपाय और पहल, नागरिक और रक्षा एमआरओ के अभिसरण सहित, बड़े पैमाने पर अर्थव्यवस्था और रोजगार के विशाल अवसर पैदा करेंगे। इससे रक्षा क्षेत्र में मजबूती के साथ युवाओं को भी रोजगार के मोर्चे पर फायदा होगा।
यह भी पढ़ें:
दिल्ली दंगों के आरोपी जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत देने से किया इनकार