सार
लोकायुक्त की एंटी करप्शन ब्रांच ने 3 मार्च को उनके बेटे प्रशांत को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद विधायक के घर तलाशी के दौरान छह करोड़ रुपये से अधिक कैश मिला था।
बेंगलुरू: 8 करोड़ रुपये कैश कांड में फंसे बीजेपी विधायक मदल विरुपक्षप्पा को कर्नाटक हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है। विरुपक्षप्पा को 5 लाख रुपये बांड पर अंतरिम जमानत मिली है। विधायक को 48 घंटे के भीतर लोकायुक्त के सामने पेश होना होगा। लोकायुक्त की एंटी करप्शन ब्रांच ने 3 मार्च को उनके बेटे प्रशांत को 40 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। इसके बाद विधायक के घर तलाशी के दौरान छह करोड़ रुपये से अधिक कैश मिला था। विधायक तभी से फरार चल रहे हैं।
सुवर्णा न्यूज चैनल के रिपोर्टर और कैमरामैन पर विधायक समर्थकों ने किया हमला
उधर, विधायक मदल विरुपक्षप्पा के बारे में रिपोर्ट करने पर सुवर्णा न्यूज के रिपोर्टर और कैमरामैन पर उनके समर्थकों ने हमला करने का प्रयास किया है। न्यूज चैनल के रिपोर्टर मदल विरुपक्षप्पा की खबर का कवरेज कर रहे थें।
चन्नागिरी से बीजेपी विधायक हैं मदल विरुपक्षप्पा
मदल विरुपक्षप्पा कर्नाटक के दावणगेरे जिले के चन्नागिरी से विधायक हैं। वह पहली बार 2008 में चन्नागिरी निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए थे। हालांकि, 2013 के विधानसभा चुनाव में वह वडनल राजन्ना से चुनाव हार गए थे। लेकिन 2018 में वह फिर से विधायक चुन लिए गए। एडीआर के आंकड़ों के अनुसार, मदालु विरुपक्षप्पा ने 2018 के चुनावों के लिए अपना नामांकन दाखिल करते समय 5.73 करोड़ रुपये की संपत्ति की थी।
केएसडीएल के अध्यक्ष भी हैं आरोपी विधायक, दे दिया था इस्तीफा
58 वर्षीय मदालु विरुपक्षप्पा, राज्य के स्वामित्व वाली कर्नाटक साबुन और डिटर्जेंट लिमिटेड (KSDL) के अध्यक्ष रहे हैं। यह कंपनी, देश की प्रसिद्ध मैसूर सैंडल साबुन बनाती है। अपने बेटे प्रशांत मदल से जुड़े घोटाले के सुर्खियों में आने के बाद उन्होंने शुक्रवार को पद से इस्तीफा दे दिया।
8 करोड़ रुपये विधायक के घर व ऑफिस से मिला था
लोकायुक्त की एंटी करप्शन विंग ने गुरुवार 2 मार्च को भाजपा विधायक मदल विरुपाक्षप्पा के घर से 6 करोड़ रुपये नकद और उनके कार्यालय से 1.75 करोड़ रुपये कैश बरामद किए थे। इसके पहले उनके बेटे प्रशांत मदल को 40 लाख रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया था। तभी से विधायक फरार थे और अपनी अग्रिम जमानत के लिए कोर्ट में अपील किए थे। एंटी करप्शन विंग उनकी तलाश में कई जगह रेड किया था। लोकपाल ने कहा कि उन्हें 2008 बैच के कर्नाटक प्रशासनिक सेवा के अधिकारी प्रशांत मदल के बारे में एक शिकायत मिली थी, जिसमें साबुन और अन्य डिटर्जेंट बनाने के लिए कच्चे माल के सौदे के लिए एक ठेकेदार से 81 लाख रुपये की अदायगी की मांग की थी।
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