सार
Brahmos Missile Test Fire : ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल 400 किमी दूर से टारगेट को ढेर कर सकती है। पहले इसकी क्षमता 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर पहले 350 और फिर 400 किलोमीटर तक किया गया। ब्रह्मोस 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से दागी जा सकती है।
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian navy) ने शनिवार को विध्वंसक आईएनएस चेन्नई से बढ़ी हुई दूरी की जमीन से हमला करने वाली ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का टेस्ट फायर किया। नौसेना के अधिकारियों के मुताबिक यह टेस्ट फायर इस मिसाइल की सटीकता का अंदाजा लगाने के लिए की गई थी।
टारगेट पर साधा सटीक निशाना
टेस्ट फायर में मिसाइल ने टारगेट किए गए पॉइंट पर बिल्कुल सटीक निशाना साधा। ब्रह्मोस मिसाइल (Brahmos missile)और आईएनएस चेन्नई (INS Chennai)दोनों स्वदेशी (Made in india) रूप से निर्मित हैं। यह मिसाइल और आईएनएस दोनों ही मेक इन इंडिया की शानदार तकनीक को दिखाते हैं। नौसेना के अधिकारियों ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया प्रयास भारतीय नौसेना को और मजबूत बनाते हैं। इस टेस्ट फायर ने भारतीय नौसेना को और भी दूर तक हमला करने की तकनीक दी है।
पहले से अधिक बढ़ाई गई रेंज
यह मिसाइल 400 किमी दूर से टारगेट को ढेर कर सकती है। पहले इसकी क्षमता 290 किमी थी, जिसे बढ़ाकर पहले 350 और फिर 400 किलोमीटर तक किया गया।
ब्रह्मोस 2.8 मैक या ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना रफ्तार से दागी जा सकती है। भारत ने रणनीतिक महत्व वाले अनेक स्थानों पर बड़ी संख्या में मूल ब्रह्मोस मिसाइलों को तैनात कर रखा है।
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फिलीपींस को भारत दे रहा ब्रह्मोस
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत का के बढ़ते कदम को देखते हुए फिलीपींस भारत से ब्रह्मोस मिसाइलें खरीद रहा है। फिलीपींस ने अपनी नौसेना के लिए तट पर तैनात होने वाली जहाज रोधी मिसाइलों की आपूर्ति को लेकर ब्रह्मोस एयरोस्पेस के साथ 37.4 करोड़ डॉलर का करार किया है। आत्मनिर्भर भारत के क्षेत्र में देश तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसका अंदाज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि 2022 में ब्रह्मोस के तीन ट्रायल किए जा चुके हैं।
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