सार
Bulli Bai ऐप के जरिए कुछ महिलाओं की तस्वीरें डालकर उनका ऑक्शन किया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस ऐप के जरिए करीब 100 महिलाओं को निशाना बनाया गया।
नई दिल्ली. बुल्ली बाई ऐप को लेकर हंगामा मचा हुआ है। 67 साल की खालिद परवीन की तस्वीर भी बुल्ली बाई ऐप पर है। उन्होंने कहा, उनका नाम इस लिस्ट में इसलिए आया क्योंकि उन्होंने नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ अभियान का नेतृत्व किया था। खालिदा परवीन मुस्लिम महिला और हैदराबाद की कार्यकर्ता है। बुल्ली बाई ऐप पर उनकी तस्वीर के साथ ट्विटर हैंडल और नाम भी लिखा गया था।
कौन हैं हैदराबाद की खालिद परवीन?
खालिद परवीन बताती हैं, यह कोई संयोग नहीं है कि मेरा नाम नरसिंहानंद की गिरफ्तारी के लिए ट्विटर पर प्रचार करने के एक दिन बाद आया। परवीन ने 3 जनवरी को हैदराबाद पुलिस की साइबर क्राइम विंग में शिकायत दर्ज कराई था। परवीन ने 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में आयोजित कार्यक्रम में भाषण देने वाले नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ अभियान चलाया था। हैदराबाद में पत्रकार और मुस्लिम महिला आयशा मिन्हाज को भी इस ऐप के जरिए निशाना बनाया गया है।
खालिद करीब 40 साल से मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं। 1 जनवरी को ऐप लॉन्च होने के एक दिन बाद 2 जनवरी को खालिद परवीन का नाम आया। परवीन ने कहा कि ऐप ने युवा और वृद्ध मुस्लिम महिलाओं दोनों को निशाना बनाया गया है।
कश्मीर की पत्रकार भी निशाने पर
बुल्ली बाई (Bulli Bai) ऐप के जरिए कश्मीर की कुरतुलैन रहबर को भी निशाना बनाया गया। वे पेशे से पत्रकार हैं। रहबर बताती हैं कि एक जनवरी को जब दुनिया नए साल का स्वागत कर रही थी, तब उन्हें एक चौंकाने वाली खबर पता चली। दिल्ली में रहने वाली एक पत्रकार दोस्त ने फोन कर बताया कि उनकी तस्वीर भी Bulli Bai ऐप पर है। वहां पर उनकी तस्वीर के साथ उनका ट्विटर हैंडल अकाउंड भी पोस्ट किया गया था। मेरी दोस्त ने ऐप से स्क्रीन शॉट लेकर मुझे भेजा, जिसे देखकर मैं दंग रह गई।
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