सार
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को डीआरडीओ के वार्षिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने युद्ध के तरीकों में हो रहे बदलावों पर जोर दिया।
नेशनल डेस्क। देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) अनिल चौहान ने भारत के सामने उभरते चुनौतियों का सामना करने के लिए लगातार प्रदर्शन में सुधार और आधुनिक युग में युद्ध के तरीकों में हो रहे बदलावों पर जोर दिया। ये बातें सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने शुक्रवार को नई दिल्ली में डीआरडीओ के वार्षिक कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान कहीं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने कहा कि इंटरनेशनल जीयो पॉलिटिक्स चेंजेबल है और नेशनल स्ट्रैटेजी का उद्देश्य बदलावों को इस तरह से से एक्सेप्ट करना कि देश के सामने आने वाली हर चुनौतियों का सामना आसानी से किया जा सके।
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आईटी और स्ट्रैटेजी में परफेक्शन आज की मांग
जनरल चौहान कहा कि ने आईटी और स्ट्रैटेजी में परफेक्शन आज समय की मांग है। भारतीय सशस्त्र बल मुकाबले जीतने के लिए नई प्रौद्योगिकियों में निवेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी के क्षेत्र में थियेटरीकरण का कॉन्सेप्ट एक रेडिकल चेंज है जो कि अंडर कंसीडरेशन है।
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युद्ध लड़ने की क्षमता बढ़ाने पर जोर
सीडीएस ने कहा भौतिक डोमेन में इंटीग्रेशन का मकसद गुणात्मक एफेक्ट हासिल करना है जिससे युद्ध में हम लड़ने की क्षमत को बढ़ा सकें। लड़ाई लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए एकीकृत प्रक्रियाओं और संरचनाओं के माध्यम से सेवाओं की विशिष्ट क्षमताओं को संयोजित करता है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी कामत ने इस दौरान कहा कि युद्ध के तरीकों अब काफी बदलाव आ चुका है। ऐसे में इन बदलावों और उनकी गंभीरता को समझना भी जरूरी है। उन्होंने प्रधानमंत्री के "आत्मनिर्भरता" और मेक इन इंडिया के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए नजरिए में व्यापक सुधार और बदलाव लाने पर जोर दिया।