सार

सूत्रों की मानें तो उत्तराखंड के अपोजिट मिडिल सेक्टर को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए काम कर रहा है। चीन की तरफ से सड़कें और हेलीपैड्स तैयार किए जा रहे हैं।

 

India-China LAC. भारत के नीती पास के नजदीक पीएलए सड़कें और हेलीपैड्स तैयार कर रहा है। चीन की तरफ से एलएसी के पास नए कैंप बनाने की कोशिश कर रहा है। नार्दर्न और ईस्टर्न सेक्टर के बाद चीन एलएसी के शांत इलाकों में एंट्री कर रहा है। भारतीय राज्य उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से सटे एलएसी के पास चीन मिलिट्री इंफ्रास्ट्रक्टर और कनेक्टिविटी बढ़ाने का काम कर रहा है।

चार साल से सीमा पर चल रहा विवाद

भारत और चीन के बीच ईस्टर्न लद्दाख एरिया में करीब 4 साल से सीमा विवाद चल रहा है। वहां पर आर्मी और मशीनों का हैवी डेप्लायमेंट किया गया है। 2020 में गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प भी हो चुकी है, जिसमें दोनों तरफ कैजुअलिटि हुई थी। ताजा डेवलपमेंट भारत और अमेरिका के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास के बाद सामने आया है। यह युद्धाभ्यास मिडिल सेक्टर एलएसी से 100 किमी दूर औली में किया गया था। सेना के सूत्रों ने बताया कि चीन अब इस एरिया में एयर कनेक्टिविटी बढ़ा रहा है। नीती पास के नजदीक सारंग, पोलिंग जिंदू में हेलीपैड्स तैयार किए जा रहे हैं।

एलएसी के मिडिल सेक्टर में चाइनीज कैंप

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चीन एलएसी के मिडिल सेक्टर में नीती पास के नजदीक नए कैंप भी तैयार कर रहा है। डिफेंस एंड स्ट्रेटजिक अफेयर्स एनालिस्ट रिटायर्ड मेजर जनरल सुधाकर जी ने कहा कि चीन की रणनीति है कि इसी तरह की मिलिट्री एक्सरसाइज के द्वारा भारत को परेशान किया जाए। पिछले तीन सालों से चीन ऐसा ही कर रहा है। इससे भारतीय सेना को भी मिडिल सेक्टर पर फोकस करना होगा जो कि नेशनल सिक्योरिटी जैसे मु्द्दों पर भारत के लिए बड़ा फैसला लेना होगा। दिसंबर में भी एशियानेट न्यूज ने यह जानकारी दी थी कि चीन हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड से लगे एलएसी पर भी गतिविधियां बढ़ा रहा है। हालांकि मिडिल सेक्टर में ऐसा देखने को नहीं मिला है कि चीन ने किसी तरह से भारतीय सीमा से छेड़छाड़ की कोशिश की है लेकिन उत्तराखंड के बाराहोती एरिया में कुछ घटनाएं रिपोर्ट की गई थीं।

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