सार

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का कहना है कि हमारे कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। हमारे पास 503 किसानों का आंकड़ा है। सरकार चाहे तो हमसे लिस्ट ले सकती है। पंजाब सरकार ने 403 किसानों के परिवारीजन को मुआवाजा दिया है। 152 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने नौकरी दे दी है।

नई दिल्ली। किसान आंदोलन (Kisan Andolan) के दौरान किसानों की मौतों के आंकड़ों की जानकारी नहीं होने के सरकार के बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने तंज कसा है। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यदि सरकार चाहे तो हमसे लिस्ट ले सकती है। हमारे पास सूची है कि किन किसानों की मौत हुई है। सरकार हमसे सूची ले और उन्हें मदद मुहैया कराए। 

हमारे पास है 503 किसानों की लिस्ट

राहुल गांधी ने कहा कि सरकार का कहना है कि हमारे कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है। हमारे पास 503 किसानों का आंकड़ा है। सरकार चाहे तो हमसे लिस्ट ले सकती है। पंजाब सरकार ने 403 किसानों के परिवारीजन को मुआवाजा दिया है। 152 किसानों के परिजनों को पंजाब सरकार ने नौकरी दे दी है।

प्रधानमंत्री ने किससे मांगी माफी, जब जानकारी ही नहीं

राहुल गांधी ने सवाल किया कि पीएम मोदी ने यदि माफी मांगी है तो फिर किससे माफी मांगी है। एक तरफ वह कहते हैं कि हम माफी मांगते हैं और दूसरी तरफ कहते हैं कि हमें नहीं पता है कि किसकी मौत हुई है। 

राहुल ने पढ़े मृतक किसानों के लिस्ट में से नाम

सरकार को घेरते हुए राहुल गांधी ने आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान मृतक कुछ किसानों के नाम लिस्ट में से पढ़े। इसके बाद उन्होंने कहा कि सरकार हमसे लिस्ट ले सकती है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से असंवेदनशील है। इनके पास तो कोरोना की मौत के आंकड़े भी नहीं थे।

मृतक किसानों को मिलनी चाहिए मदद

कांग्रेस नेता ने कहा कि किसान आंदोलन एक साल से चल रहा है। यह एक लंबा आंदोलन रहा, जिसमें काफी संख्या में किसान मरे हैं। आंदोलन में मरने वाले किसानों के परिजनों को सरकार की ओर से मदद मिलनी चाहिए। गलत कानूनों को लागू करने की वजह से ही इन 700 किसानों की मौत हुई है। खुद पीएम ने जब माफी मांग ली है तो फिर यह एक तरह से गलती मांगने जैसा है और उस गलती के लिए सरकार को मुआवजा देना चाहिए।

पूंजीपति दोस्तों के लिए पैसों की कमी नहीं 

कांग्रेस नेता ने कहा कि जब पूंजीपति दोस्तों की बात होती है तो फिर सरकार के पास पैसे की कोई कमी नहीं होती। लेकिन जब गरीब या किसान की मदद करने की बात आती है तो फिर पैसों की कमी की बात की जाती है।

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