Delhi Red Fort Blast CCTV: क्या 43 CCTV फुटेज और 5,000 कैमरों से बनी रूट मैपिंग दिल्ली लाल किला धमाके की साजिश खोलने वाली है? फरीदाबाद से दिल्ली तक उमर की हर मूवमेंट रिकॉर्ड… क्या इन फुटेज में छिपा है वो राज़, जो पूरे मॉड्यूल को बेनक़ाब कर देगा?
नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला इलाके में हुआ घातक धमाका सिर्फ एक आतंकी वारदात नहीं, बल्कि एक ऐसी साजिश की परतें खोलता दिखाई दे रहा है जिसने पूरे Delhi NCR को हिला दिया है। अब 43 एक्सक्लूसिव सीसीटीवी फुटेज सामने आने से जांच में बड़ा मोड़ आ गया है। ये फुटेज फरीदाबाद से लेकर दिल्ली तक, हमलावर डॉ. उमर नबी की I-20 कार का पूरा रूट मैप उजागर करते हैं।
जांच टीम ने दिल्ली और एनसीआर के 5,000 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों को खंगालकर उमर की 11 दिनों की गतिविधियों का विस्तृत टाइमलाइन तैयार की है। इन फुटेज में यूनिवर्सिटी परिसर से लेकर दिल्ली की भीड़भाड़ वाली सड़कों तक, और अंत में लाल किला में हुई उस दर्दनाक घटना तक, हर कदम का रिकॉर्ड मिल चुका है। लेकिन अब बड़ा सवाल यह है कि क्या इन फुटेज में छुपा हुआ है हमले का वो असली मकसद, जिसे अभी तक देश जान नहीं पाया? आइए इस पूरी जांच का रहस्य और उमर नबी के हर मूवमेंट को बेहद सरल भाषा में समझते हैं।
क्या 43 CCTV फुटेज से सामने आया ‘लाल किला ब्लास्ट’ का असल सच?
इन फुटेज में वह सब कुछ कैद है जो हमलावर ने धमाके से ठीक पहले और कई दिनों तक किया। 29 अक्टूबर से 10 नवंबर तक की ये तस्वीरें दिखाती हैं कि हमला प्लानिंग के साथ, कई रूटों की रिहर्सल के बाद किया गया था।
29 अक्टूबर: अल-फ़लाह यूनिवर्सिटी में पहली हरकत-क्या यहीं से शुरू हुई साजिश?
- सुबह और शाम, दोनों समय उमर की I-20 यूनिवर्सिटी परिसर में घूमती दिखी।
- उसने कार को अलग-अलग जगहों पर पार्क किया-सामान्य पार्किंग और हॉस्टल एरिया दोनों में।
- शाम को दो घंटे की रहस्यमयी मूवमेंट ने जांचकर्ताओं को सबसे ज्यादा चौंकाया।
30 अक्टूबर: मैकेनिक और कंपाउंडर की एंट्री-क्या कार में किया गया था कोई बड़ा बदलाव?
- दोपहर 2:38 बजे एक मैकेनिक और एक कंपाउंडर कार के पास पहुँचते हैं।
- तीन मिनट बाद I-20 कार यूनिवर्सिटी से बाहर निकल जाती है।
- क्या कार में विस्फोटक फिटिंग या रूट चेकिंग का काम हुआ था?
- इसी सवाल का जवाब तलाशने में जांच एजेंसियां जुटी हैं।
9-10 नवंबर: दिल्ली की ओर उमर का अंतिम सफ़र-क्या यही थी ‘फाइनल मिशन’ की रात?
- रात 11:43 बजे-I-20 खलीलपुर टोल पर दिखती है।
- रात 1:45 बजे-फिर वही कार उसी टोल पर कैद होती है।
- क्या उमर किसी से मिलने वापस लौटा था?
- सीसीटीवी फुटेज यही संकेत देते हैं।
10 नवंबर सुबह: दिल्ली प्रवेश-जैसे शहर का हर कोना ‘रिहर्सल रूट’ हो!
सुबह 8:03 बजे-कार बदरपुर में प्रवेश करती है।
आगे ये रूट दर्ज हुआ:
- आश्रम चौक
- डीएनडी से मयूर विहार
- निजामुद्दीन
- इंडिया गेट
- शाहजहाँ रोड
- कर्तव्य पथ
- सफदरजंग अस्पताल
दोपहर 2 बजे से: कनॉट प्लेस से दिल्ली गेट तक: क्या उमर किसी को खोज रहा था?
- 2:04 बजे: कनॉट प्लेस आउटर सर्कल
- 2:17 बजे: रामलीला मैदान
- 2:34 बजे: तुर्कमान गेट
- 3:16 बजे: दरियागंज पुलिस स्टेशन
- 3:29 बजे: लाल किला पार्किंग क्षेत्र
पूरा पैटर्न बताता है कि उमर लगातार शहर के बीचों-बीच घूम रहा था, जैसे वह “फाइनल लोकेशन तय कर रहा हो।”
6:23 PM: लाल किला पार्किंग से निकली कार और फिर...
- तीन घंटे बाद उमर कार लेकर पार्किंग से बाहर निकलता है।
- शाम 6:50 बजे-लाल किला के पास विस्फोट।
- 13 लोग मारे गए।
- 20 से ज़्यादा घायल हुए।
- कई वाहन जल गए।
सीसीटीवी में धमाके के बाद लोगों की चीखें, धुआँ, आग और जान बचाने की अफरा-तफरी साफ दिखती है।
क्या 5,000 कैमरे और 43 फुटेज पूरे मॉड्यूल का पर्दाफाश कर देंगे?
जांच एजेंसियाँ अब इन फुटेज को हवाला फंडिंग, 26 क्विंटल NPK उर्वरक के इस्तेमाल और डॉक्टरों की भूमिका के साथ जोड़कर देख रही हैं। जैसे-जैसे नए फुटेज और डेटा सामने आ रहे हैं, इस मॉड्यूल के तार और गहरे हो सकते हैं।
